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वायरल वीडियो में FASTag स्कैनिंग से पैसे चोरी होने का दावा, जानिए क्या है सच्चाई

FASTag एक प्रीपेड रिचार्जेबल टैग सर्विस है। इसका इस्तेमाल टोल पर पेमेंट के लिए होता है। यह कार के आगे वाले शीशे पर लगा होता है। कार के टोल के सेंसर के नजदीक पहुंचते ही टोल का पैसा कट जाता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 25, 2022 पर 1:21 PM
वायरल वीडियो में FASTag स्कैनिंग से पैसे चोरी होने का दावा, जानिए क्या है सच्चाई
यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। लेकिन, इसके सच होने की पुष्टि नहीं हुई है।

एक वीडियो वायरल हुआ है। इसमें FASTag स्कैनिंग से पैसे की चोरी दिखाया गया है। एक बच्चा फास्टैग को स्कैन कर रहा है। वीडियो में दावा किया गया है कि इस तरह एक गैंग पैसे की चोरी कर रहा है। सरकार की एजेंसी ने इस वीडियो को फर्जी बताया है। आइए जानते हैं क्या है मामला।

इस वीडियो में दिखाया गया है कि बच्चा अपनी स्मार्टवॉच से फास्टैग को स्कैन कर रहा है। वह कार के शीशे की सफाई के दौरान ऐसा करता है ताकि कोई उस पर संदेह नहीं कर सके। फास्टैग कार के आगे वाले शीशे पर लगा होता है। जब ड्राइवर ने इस बच्चे से उसकी स्मार्टवॉच के बारे में पूछता है तो वह भाग जाता है।

ड्राइवर बताता है कि यह बच्चा एक बड़े गैंग का हिस्सा है। इस गैंग के बच्चे ट्रैफिक सिग्नल पर रहते हैं। उनके हाथ में स्मार्टवॉच होती है। कार के शीशे की सफाई की आड़ में वे फास्टैग को स्कैन कर लेते हैं। ऐसा होते ही पैसा ड्राइवर के अकाउंट से निकल जाता है।

FASTag एक प्रीपेड रिचार्जेबल टैग सर्विस है। इसका इस्तेमाल टोल पर पेमेंट के लिए होता है। यह कार के आगे वाले शीशे पर लगा होता है। कार के टोल के सेंसर के नजदीक पहुंचते ही टोल का पैसा कट जाता है। इसके लिए Radio Frequency Identification (RFID) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है।

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