पिछले 2 दशकों से, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आईपीओ मार्केट (IPO Market) में कमजोरी का ट्रेंड रहा है। हालांकि इस बार यह ट्रेंड बदलता दिख रहा है। ऐसा लगता है कि निवेशक और बाजार यह मानकर चल रहे हैं कि चुनाव के बाद नीतियों के स्तर पर कोई अहम बदलान नहीं आने वाला है। IPO के जरिए इस दिसंबर और मार्च तिमाही के दौरान रिकॉर्ड पैसे जुटाए गए हैं। प्राइम डेटाबेस के एक आंकड़े से पता चलता है कि अक्टूबर से फरवरी की अवधि में 39 कंपनियों ने अपने IPO से करीब 33,253.07 करोड़ रुपये जुटाए।