Kaka IPO Subscription 2nd Day: काका इंडस्ट्रीज के आईपीओ को लेकर निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस दिख रहा है। सबसे अधिक उत्साह तो खुदरा निवेशकों का दिख रहा है और उनके लिए आरक्षित हिस्सा अब तक 133.98 गुना सब्सक्राइब हुआ है। वहीं क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) का हिस्सा महज 5.74 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स का हिस्सा 54.84 गुना सब्सक्राइब हुआ है। ओवरऑल 21.23 करोड़ रुपये के इस आईपीओ को 80.35 गुना बोली मिली है। ग्रे मार्केट में भी शेयर मजबूत स्थिति में हैं और इश्यू के प्राइस बैंड के अपर प्राइस से 52 रुपये की GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) पर हैं। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी के फंडामेंटल्स और फाइनेंशियल्स के आधार पर निवेश से जुड़ा फैसला लेना चाहिए।
Kaka Industries IPO की डिटेल्स
काका के 21.23 करोड़ रुपये के आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू सिर्फ नए इक्विटी शेयर जारी होंगे यानी कि ऑफर फॉर सेल (OFS) विंडो के तहत शेयरों की बिक्री नहीं होगी। इसके 21.23 करोड़ रुपये के आईपीओ में 12 जुलाई तक पैसे लगा सकेंगे। इसके लिए 55-58 रुपये का प्राइस बैंड और 2000 शेयरों का लॉट साइज फिक्स किया गया है।
शेयरों का अलॉटमेंट अगले हफ्ते सोमवार यानी 17 जुलाई को फाइनल होगा और फिर बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म BSE SME पर 20 जुलाई को एंट्री होगी। इश्यू का रजिस्ट्रार बिगशेयर सर्विसेज है। आईपीओ के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कर्ज चुकाने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने, आईपीओ के खर्चों और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में होगा।
Kaka Industries की डिटेल्स
पीवीसी दरवाजे, पीवीसी किचन कैबिनेट और फर्नीचर, यूपीवीसी विंडोज प्रोफाइल और वुड पॉलीमर कंपोजिट बनाने वाली काका इंडस्ट्रीज करीब चार साल पुरानी कंपनी है। यह सालाना 15,425 मीट्रिक टन पीवीसी प्रोफाइल, 2,995 मीट्रिक टन वुड पॉलीमर कंपोजिट प्रोफाइल और शीट, 2,022 मीट्रिक टन यूपीवीसी डोर और विंडो प्रोफाइल बना सकती है। इसके गुजरात के गांधीनगर जिले के जाक गांव में तीन मैनुफैक्चरिंग प्लांट्स हैं।
इसके अलावा डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क की बात करें तो तेलंगाना के गगीलपुर, यूपी के दादरी और गुजरात के सूरत में इसके डिपो हैं। कंपनी के वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2020 में इसे 1.41 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2021 में 3.02 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2022 में 4.98 करोड़ रुपये और इसके बाद वित्त वर्ष 2022-23 में उछलकर 7.18 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।