Get App

LIC क्या शेयरों की लिस्टिंग के बाद Sensex का हिस्सा बन पाएगी?

इंडियन गवर्नमेंट की एलआईसी में 100 फीसदी हिस्सेदारी है। सरकार आईपीओ में अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है। वह एलआईसी के करीब 22 करोड़ शेयर बेच रही है

MoneyControl Newsअपडेटेड May 05, 2022 पर 4:20 PM
LIC क्या शेयरों की लिस्टिंग के बाद Sensex का हिस्सा बन पाएगी?
LIC के आईपीओ में शेयरों की बिक्री से जो पैसा आएगा, वह सरकार के पास जाएगा। इसलिए इस इश्यू को ऑफर फॉर सेल (OFS) कहा जा रहा है।

LIC ने इंडिया का सबसे बड़ा आईपीओ पेश किया है। यह इश्यू करीब 21,000 करोड़ रुपये का है। इससे पहले पेटीएम का 18,300 करोड़ रुपये का इश्यू देश का सबसे बड़ा आईपीओ था। खुलने के दूसरे दिन एलआईसी के आईपीओ के पूरी तरह सब्सक्राइब हो जाने की उम्मीद है। इस इश्यू को लेकर पिछले कई हफ्तों से बाजार में हलचल है। इस इश्यू में 9 मई तक बोली लगाई जा सकती है। सवाल है कि क्या सबसे बड़ा आईपीओ पेश करने वाली एलआई शेयरों की लिस्टिंग के बाद Sensex या Nifty 50 का हिस्सा बन पाएगी?

इस सवाल का जवाब नहीं है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि एलआईसी शेयरों की लिस्टिंग के बाद सेंसेक्स और प्रमुख विदेशी सूचकांकों का हिस्सा नहीं बन पाएगी। उनका कहना है कि एलआईसी के सेंसेक्स, निफ्टी 50, MSCI, FTSE जैसे देशी-विदेशी सूचकांकों में शामिल होने की उम्मीद नहीं है। इसकी वजह यह है कि इसके शेयरों का फ्री-फ्लोट बहुत कम है। फ्री-फ्लोट से मतलब उन शेयरों है, जो खरीद और बिक्री के लिए स्टॉक एक्सचेंज के प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होते हैं।

यह भी पढ़ें : LIC IPO: आपको पॉलिसीहोल्डर्स और रिटेल में से किस कैटेगरी में बोली लगानी चाहिए?

इंडियन गवर्नमेंट की एलआईसी में 100 फीसदी हिस्सेदारी है। सरकार आईपीओ में अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है। वह एलआईसी के करीब 22 करोड़ शेयर बेच रही है। इससे मिलने वाला पैसा सरकार के पास जाएगा। इसलिए इस इश्यू को ऑफर फॉर सेल (OFS) कहा जा रहा है। सरकार ने आईपीओ के लिए एलआईसी की 6 लाख करोड़ रुपये की वैल्यूएशन लगाई है।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें