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Meesho IPO: मीशो का एक बड़ा काम पूरा, NCLT ने दे दी यह मंजूरी

Meesho IPO: दिग्गज ई-कॉमर्स स्टार्टअप मीशो के आईपीओ की दिशा में एक बड़ा काम पूरा हो गया है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने एक बड़ी मंजूरी दी है। जानिए कि मीशो को एनसीएलटी से क्या मंजूरी मिली है और इस मंजूरी के बाद अब आईपीओ लाने की कोशिशों में अगला कदम क्या होगा और अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनी फ्लिपकार्ट (Flipkart) से यह कितना आगे है?

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Jun 16, 2025 पर 9:11 AM
Meesho IPO: मीशो का एक बड़ा काम पूरा, NCLT ने दे दी यह मंजूरी
Meesho IPO: एनसीएलटी ने ई-कॉमर्स स्टार्टअप मीशो को अपना मुख्यालय अमेरिका के डेललेयर से भारत लाने की मंजूरी दे दी है।

Meesho IPO: एनसीएलटी ने ई-कॉमर्स स्टार्टअप मीशो को अपना मुख्यालय अमेरिका के डेललेयर से भारत लाने की मंजूरी दे दी है। रेगुलेटरी फाइलिंग में इसका खुलासा हुआ है। इस मंजूरी के साथ ही मीशो के आईपीओ प्रोसेस का एक बड़ा हिस्सा पूरा हो गया है। अब जबकि मीशो को अपनी अमेरिकी इकाई से अलग होने की मंजूरी मिल गई है तो यह भारतीय फर्म के साथ विलय के लिए आगे बढ़ेगी और भारतीय होने की प्रक्रिया को पूरा करेगी। एक बार यह प्रक्रिया पूरी हो जाती है तो मीशो बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के पास आईपीओ का ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) फाइल करेगी। मनीकंट्रोल ने मार्च में ही खुलासा किया था कि मीशो करीब $1 हजार करोड़ के वैल्यूएशन पर करीब $100 करोड़ का आईपीओ लाने की तैयारी में है।

Meesho क्यों बनी थी देश के बाहर की कंपनी?

भारतीय स्टॉक मार्केट में लिस्ट होने के चलते मीशो को पूरी तरह से भारत शिफ्ट होना जरूरी है। ऐसे में सवाल उठता है कि मीशो आखिर देश के बाहर की कंपनी क्यों बनी। शुरुआती दिनों में वर्ष 2017 में मीशो के शुरुआती निवेशकों में शुमार वाई कॉम्बिनेटर (Y Combinator) ने अपनी पोर्टफोलियो कंपनियों को भारत से बाहर स्थित होना अनिवार्य कर दिया था, ताकि उनके लिए फंडिंग और स्केल सुरक्षित करना आसान हो सके। इसी के चलते मीशो बाहर की कंपनी बनी थी।

फिर भारत वापसी की प्रक्रिया कब हुई शुरू और IPO का क्या है प्लान?

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