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Tata Tech IPO में पैसे लगाएं या नहीं? ब्रोकरेज का ये है रुझान

Tata Tech IPO: टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) की स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग के करीब 19 साल बाद टाटा की एक और कंपनी टाटा टेक (Tata Tech) भी मार्केट में लिस्ट होने वाली है। पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल का इश्यू होने के बावजूद इसके आईपीओ का निवेशक बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। जानिए इसे लेकर ब्रोकरेज का क्या रुझान है?

अपडेटेड Nov 20, 2023 पर 3:27 PM
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Tata Tech IPO: टाटा टेक के शेयरों की ग्रे मार्केट में स्थिति काफी मजबूत है।

Tata Tech IPO: टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) की स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग के करीब 19 साल बाद टाटा की एक और कंपनी टाटा टेक (Tata Tech) भी मार्केट में लिस्ट होने वाली है। इसकी पैरेंट कंपनी टाटा मोटर्स (Tata Motors) पहले से ही मार्केट में लिस्टेड है। टाटा टेक के आईपीओ का मार्केट को लंबे समय से इंतजार था तो अब जब यह खुलने ही वाला है तो इसमें निवेश करना चाहिए या नहीं, इसे लेकर ब्रोकरेज काफी पॉजिटिव है। यह इश्यू पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल का है यानी कि इसके तहत कोई नया शेयर नहीं जारी होगा लेकिन इसके बावजूद मार्केट काफी उत्साहित है। इसका 3,042 करोड़ रुपये का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 22 नवंबर को खुलेगा।

Tata Tech IPO की डिटेल्स

टाटा टेक का ₹3,042.51 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 22-24 नवंबर के बीच खुला रहेगा। इस इश्यू में 475-500 रुपये के प्राइस बैंड और 30 शेयरों के लॉट में पैसे लगा सकेंगे। इसका 50 फीसदी हिस्सा क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB), 35 फीसदी नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) और 15 फीसदी खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित है। इश्यू का 10 फीसदी टाटा मोटर्स के शेयरहोल्डर्स और 0.5 फीसदी हिस्सा टाटा टेक के एंप्लॉयीज के लिए आरक्षित है। आईपीओ की सफलता के बाद शेयरों का अलॉटमेंट 30 नवंबर को फाइनल होगा और BSE, NSE पर 5 दिसंबर को एंट्री होगी। इस इश्यू के तहत ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिए शेयरहोल्डर्स 6,08,50,278 इक्विटी शेयरों की बिक्री करेंगे जो कंपनी के कुल पेड-अप शेयर कैपिटल का करीब 15 फीसदी है।


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IPO लाने का मुख्य मकसद

चूंकि यह आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल का है तो इसका मतलब है कि आईपीओ का पैसा कंपनी को नहीं मिलेगा। ऐसे में आईपीओ लाने का मुख्य उद्देश्य मौजूदा शेयरहोल्डर्स को एग्जिट विंडो देना और स्टॉक मार्केट में लिस्ट करना है। यह टाटा मोटर्स (Tata Motors) की सब्सिडियरी है और टाटा मोटर्स पहले से ही मार्केट में लिस्ट है। आईपीओ के जरिए टाटा मोटर्स, अल्फी टीसी और टाटा कैपिटल ग्रोथ फंड 1 अपनी हिस्सेदारी हल्की करेगी।

टाटा मोटर्स 46,27,500 शेयर (11.41 फीसदी), अल्फी टीसी होल्डिंग्स 97,16,853 (2.40 फीसदी) और टाटा कैपिटल ग्रोथ फंड 1 की योजना 48,58,425 शेयरों (1.20 फीसदी) को बेचने की है। अभी टाटा टेक में टाटा मोटर्स की 74.69 फीसदी, अल्फा टीसी की 7.26 फीसदी और टाटा कैपिटल ग्रोथ फंड 1 की 3.63 फीसदी हिस्सेदारी है। टाटा मोटर्स को इसके शेयर 7.40 रुपये के औसत भाव, अल्फा टीसी होल्डिंग्स को 25.10 रुपये और टाटा कैपिटल ग्रोथ फंड 1 को 25.10 रुपये के औसत भाव पर मिले थे।

ग्रे मार्केट में क्या है स्थिति

टाटा टेक के शेयरों की ग्रे मार्केट में स्थिति काफी मजबूत है। आईपीओ के अपर प्राइस बैंड से यह 350 रुपये यानी 70 फीसदी की GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) पर है। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी के फाइनेंशियल्स और फंडामेंटल्स के आधार पर निवेश का फैसला लेना चाहिए।

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ब्रोकरेज का क्या है रुझान

टाटा टेक के आईपीओ को लेकर ब्रोकरेज फर्म IDBI कैपिटल के एनालिस्ट्स काफी पॉजिटिव हैं और इसे सब्सक्राइब की रेटिंग दी है। वित्त वर्ष 2023 के आंकड़ों के हिसाब से इसका 80 फीसदी रेवेन्यू सर्विसेज, 11 फीसदी प्रोडक्ट्स और 9 फीसदी एडुकेशन से आया। वहीं वर्टिकलवाइज बात करें तो अधिकतर रेवेन्यू ऑटोमोटिव से आया जिसमें आगे भी अच्छा रुझान दिख रहा है। इसके अलावा एयरोस्पेस सेक्टर बढ़ रहा है तो इसका भी फायदा इसे मिलेगा।

वित्त वर्ष 2021-23 में इसका रेवेन्यू 36 फीसदी के सालाना चक्रवृद्धि दर (CAGR) और शुद्ध मुनाफा 62 फीसदी की CAGR से बढ़ा। इस वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में इसका रेवेन्यू 34 फीसदी और शुद्ध मुनाफा 36 फीसदी बढ़ा और ब्रोकरेज के मुताबिक यह ग्रोथ आगे भी मजबूत बनी रहने के आसार हैं। टाटा टेक के आईपीओ की बात करें तो ब्रोकरेज के मुताबिक वित्त वर्ष 2023 की कमाई के हिसाब से पियर्स के 63 गुने औसतन भाव के मुकाबले यह आईपीओ 33 गुने भाव पर है। ऐसे में ब्रोकरेज ने इसमें पैसे लगाने की सलाह दी है।

Tata Tech की क्या है मजबूती

टाटा टेक के पास ऑटो इंडस्ट्री की गहरी जानकारी है। यह इलेक्ट्रिक गाड़ियों का खाका तैयार करने, उन्हें बनाने और बिक्री के बाद की सर्विस यानी ईवी से जुड़ी एंड-टू-एंड सॉल्यूशन्स मुहैया कराती है। इसके क्लाइंट्स न सिर्फ भारत में ही हैं, बल्कि यूरोप, उत्तरी अमेरिका और एशिया-प्रशांत में भी इसके ग्राहक हैं।

कारोबार को लेकर रिस्क क्या है

टाटा टेक के कारोबार के सामने सबसे बड़ा रिस्क तो यही है कि इसका रेवेन्यू का एक बड़ा हिस्सा सिर्फ टॉप के 5 क्लाइंट्स से आता है। इसके अलावा कंपनी का रेवेन्यू मुख्य रूप से ऑटोमोटिव इंडस्ट्री से आता है और अगर इस इंडस्ट्री को झटका लगता है तो टाटा टेक के ऑपरेशन, कैश फ्लो और रेवेन्यू पर भी असर पड़ सकता है। एक और रिस्क अहम है कि ईवी सेक्टर को लेकर अभी तक अनिश्चितता बनी हुई है तो यह अनिश्चितता जितने लंबे समय तक बनी रहेगी, उतने समय तक इसके ऑपरेशन और कैश फ्लो पर असर दिख सकता है।

Tata Tech के बारे में

टाटा मोटर्स की सब्सिडियरी टाटा टेक ग्लोबल इंजीनियरिंग सर्विसेज कंपनी है। यह वैश्विक ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (OEM) को टर्न्की सॉल्यूशंस समेत प्रोडक्ट डेवलपमेंट और डिजिटल सॉल्यूशंस ऑफर करती है। कंपनी एयरोस्पेस, ट्रांसपोर्टेशन और हैवी मशीनरी जैसे उद्योगों में क्लाइंट्स को सर्विस देती है। टाटा टेक के वित्तीय सेहत की बात करें इसकी रेवेन्यू और प्रॉफिट की ग्रोथ FY22 की तुलना में FY23 में धीमी रही। हालांकि इस पर कोई कर्ज नहीं है। FY23 में रेवेन्यू 25% बढ़कर 4,418 करोड़ रुपये और प्रॉफिट 63% बढ़कर 708 करोड़ रहा था। FY21-23 के दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 30 फीसदी, शुद्ध मुनाफा 61.5 फीसदी और EBITDA भी 46% की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा।

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