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Upcoming IPO: नॉन-फेरस मेटल की रिसाइकिलिंग कंपनी CMR ग्रीन टेक्नोलॉजीज ने फिर से दाखिल किया IPO का आवेदन, जानिए पूरी डिटेल

IPO News : नॉन-फेरस मेटल की रिसाइकिलिंग करने वाली कंपनी CMR ग्रीन टेक्नोलॉजीज ने सेबी में अपने प्रस्तावित IPO का आवेदन फिर से दाखिल किया है। यह आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल होगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 30, 2025 पर 10:32 AM
Upcoming IPO: नॉन-फेरस मेटल की रिसाइकिलिंग कंपनी CMR ग्रीन टेक्नोलॉजीज ने फिर से दाखिल किया IPO का आवेदन, जानिए पूरी डिटेल
CMR ग्रीन की स्थापना 2005 में की गई थी। कंपनी को वित्त वर्ष 2025 में 155 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था

CMR Green Technologies IPO : हरियाणा स्थित नॉन-फेरस मेटल की रिसाइकिलिंग कंपनी CMR ग्रीन टेक्नोलॉजीज ने बाजार से आईपीओ के जरिए पूंजी जुटाने के लिए 29 अगस्त को सेबी के पास फिर से आवेदन किया है। यह आईपीओ पूरी तरह से प्रमोटरों और निवेशक ग्लोबल स्क्रैप प्रोसेसर्स के ऑफर फॉर सेल पर आधारित है। इसलिए,आईपीओ की पूरी राशि ऑफर फॉर सेल में बिकवाली करने वाले शेयरधारकों को मिलेगी, यानी कंपनी को इस आईपी से कोई भी धनराशि नहीं मिलेगी। इन प्रोमोटरों और ग्लोबल स्क्रैप प्रोसेसर्स पास कंपनी में 13.05 फीसदी हिस्सेदारी है। बाकी 86.95 फीसदी हिस्सेदारी दूसरे प्रमोटरों के पास है।

इससे पहले भी सितंबर 2021 में,CMR ग्रीन ने आईपीओ के लिए ड्राफ्ट पेपर दाखिल किए थे,जिसमें 300 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करने और प्रमोटरों व निवेशकों द्वारा 3.34 करोड़ शेयरों के बिक्री का प्रस्ताव शामिल था। उस ड्राफ्ट पेपर्स को फरवरी 2022 में सेबी ने भी मंजूरी दे दी थी, लेकिन कंपनी साल भर की समय सीमा के भीतर अपना आईपीओ लॉन्च नहीं कर सकी थी।

CMR ग्रीन, रिसाइकिल्ड एल्यूमीनियम एलॉय (इन्गोट और लिक्विड रूप में), जिंक एलॉय इन्गोट, तथा स्टेनलेस स्टील, तांबा, पीतल, जिंक, सीसा और मैग्नीशियम के सेग्रीगेटेड फर्नेस रेडी स्क्रैप जैसे प्रोडक्ट बनाती है। यह ऑटोमोटिव और गैर-ऑटोमोटिव दोनों सेक्टरों में इस्तेमाल होने वाले एल्यूमीनियम बिलेट का भी उत्पादन करती है। आय के नजरिए से देखें तो वित्त वर्ष 2025 में भारतीय सेकेंडरी एल्यूमीनियम मार्केट में कंपनी की सबसे से ज्यादा बाजार हिस्सेदारी थी।

CMR ग्रीन की स्थापना 2005 में की गई थी। कंपनी को वित्त वर्ष 2025 में 155 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। जबकि, 1,239.6 करोड़ रुपये के एक मुश्क घाटे के कारण कंपनी को 2024 में 838.6 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। कंपनी का मुकाबला पॉंडी ऑक्साइड्स एंड केमिकल्स, ग्रेविटा इंडिया और बहेती रीसाइक्लिंग इंडस्ट्रीज जैसी लिस्टेड कंपनियों से है।

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