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चालीस साल पुराना एक रिकॉर्ड क्या इस बार लोकसभा चुनाव के नतीजों से टूट जाएगा?

देश- दुनिया की निगाह इसी ओर है। एक्जिट पोल के नतीजे संकेत दे देंगे, लेकिन अंतिम मुहर इस पर लगेगी 4 जून को, जब मतगणना होगी। अपने लंबे सियासी कैरियर में कई बड़े रिकॉर्ड बना चुके नरेंद्र मोदी क्या जीत की हैट्रिक के साथ कुछ और बड़े रिकॉर्ड कायम करेंगे इस बार? सबके मन में यही सवाल है

Brajesh Kumar Singhअपडेटेड Jun 01, 2024 पर 5:35 PM
चालीस साल पुराना एक रिकॉर्ड क्या इस बार लोकसभा चुनाव के नतीजों से टूट जाएगा?
Exit Poll 2024: एक्जिट पोल के नतीजे संकेत दे देंगे, लेकिन अंतिम मुहर इस पर लगेगी 4 जून को, जब मतगणना होगी

चालीस साल पुराना एक रिकॉर्ड इस बार टूट जाएगा क्या? 1984 के लोकसभा चुनाव, जो तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए थे, उसमें कांग्रेस ने 404 सीटें हासिल की थीं। स्वतंत्र भारत के इतिहास में ये अभी तक एक मात्र मौका रहा है, जब किसी राजनीतिक पार्टी ने लोकसभा में 400 का आंकड़ा पार किया।

इंदिरा गांधी की हत्या के कारण कांग्रेस के पक्ष में जो सहानुभूति की लहर पैदा हुई थी, उसमें ज्यादातर विपक्षी दलों को करारी हार का सामना करना पड़ा था। 1984 के उस लोकसभा चुनाव में बीजेपी मात्र दो सीटों पर सिमट गई थी। लालकृष्ण आडवाणी ने इसे 'शोकसभा का चुनाव' कहा था, लेकिन उसके बाद समीकरण बदलते गये।

वक्त बदला, नतीजे बदले

1984 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने 49.1 प्रतिशत वोट हासिल किये थे। ये अभी तक हुए तमाम लोकसभा चुनावों में किसी पार्टी को हासिल हुआ सबसे अधिक वोट प्रतिशत है। लेकिन इस हाई के बाद अगले तीस साल में कांग्रेस 44 सीट पर पहुंच गई, जबकि दो सीटों वाली पार्टी बीजेपी 282 सीटों पर पहुंच गई।

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