लोकसभा चुनावों के आखिरी चरण की वोटिंग 1 जून को होगी। ऐसे में सबकी निगाहें अब 1 जून की शाम आने वाले एग्जिट पोल के नतीजों पर लगी हैं। पिछले सालों में मतदाताओं का मूड बताने में एग्जिट पोल सफल रहे हैं। इससे चुनाव आयोग के ऐलान से पहले ही इलेक्शंस के फाइनल नतीजों का अंदाज मिल जाता है। सवाल है कि क्या एग्जिट पोल हर बार सही साबित हुए हैं? इस सवाल का जवाब है नहीं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण 2004 के लोकसभा चुनाव के नतीजे हैं। एग्जिट पोल में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाले एनडीए की जीत का अनुमान जताया गया था। लेकिन, फाइनल नतीजों ने पूरे देश को चौंका दिया था।