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Lok Sabha Chunav 2024: महेंद्र नाथ पांडे के लिए मुश्किल है चंदौली की लड़ाई? सपा, बसपा ने त्रिकोणीय बना दिया मुकाबला

UP Lok Sabha Chunav 2024: संजय सिंह चौहान की अपनी पार्टी जनवादी पार्टी है, लेकिन वो तब सपा के सिंबल से चुनाव लड़े थे। यही नहीं ओमप्रकाश राजभर ने भी अपनी पार्टी के एक प्रत्याशी को चंदौली में उतार दिया था। उस समय वह योगी सरकार के खिलाफ बगावत कर चुके थे और राजभर कई लोकसभा क्षेत्र में अपने प्रत्याशियों को लड़ा रहे थे

Brijesh Shuklaअपडेटेड May 31, 2024 पर 12:34 PM
Lok Sabha Chunav 2024: महेंद्र नाथ पांडे के लिए मुश्किल है चंदौली की लड़ाई? सपा, बसपा ने त्रिकोणीय बना दिया मुकाबला
Lok Sabha Chunav 2024: महेंद्र नाथ पांडे के लिए मुश्किल हैं चंदौली की लड़ाई? सपा, बसपा ने त्रिकोणीय बना दी ये लड़ाई

लोकसभा क्षेत्र चंदौली। इस क्षेत्र में यह सवाल हर जगह पूछे जा रहे हैं कि क्या केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे चुनाव में फंस गए हैं? क्या इस बार उनका चुनाव जीत पाना कठिन हो गया है? सवाल इसलिए पूछे जा रहे हैं, क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में यानी 2019 में महेंद्र नाथ पांडे बामुश्किल सिर्फ 14,000 वोटों से जीते थे। इस बार परिणाम क्या आएगा। महेंद्र नाथ पांडे हारेंगे या चुनाव जीतेंगे? उनके समर्थक कहते हैं कि पिछली बार सारी स्थितियां महेंद्र नाथ पांडे के खिलाफ थी। इस अति पिछड़े जिले में जो बनारस से लगा हुआ है और बिहार से सटा हुआ है, उसमें तब सपा और बसपा गठबंधन बहुत प्रभावी था। यही नहीं समाजवादी पार्टी ने एक जनाधार वाले नेता संजय सिंह चौहान को टिकट दिया था।

संजय सिंह चौहान की अपनी पार्टी जनवादी पार्टी है, लेकिन वो तब सपा के सिंबल से चुनाव लड़े थे। यही नहीं ओमप्रकाश राजभर ने भी अपनी पार्टी के एक प्रत्याशी को चंदौली में उतार दिया था। उस समय वह योगी सरकार के खिलाफ बगावत कर चुके थे और राजभर कई लोकसभा क्षेत्र में अपने प्रत्याशियों को लड़ा रहे थे, लेकिन इस बार वो स्थितियां नहीं हैं, लेकिन इसके बावजूद वो लगातार 10 साल से सांसद हैं और इससे जो नाराजगी उपजी है, वो उनके खिलाफ है।

उलझे हुए हैं चंदौली के समीकरण

इसके कारण चंदौली लोकसभा सीट के समीकरण इतने उलझे हुए हैं कि लगता ही नहीं कि कौन से समीकरण कहां फिट बैठेंगे। समाजवादी पार्टी ने संजय सिंह चौहान का टिकट काटकर वीरेंद्र सिंह को मैदान में उतार दिया है। यही नहीं बहुजन समाज पार्टी से समाजवादी पार्टी का गठबंधन भी नहीं है। बसपा से सत्येंद्र मौर्य चुनाव लड़ रहे हैं। टिकट न मिलने के कारण संजय सिंह चौहान भारतीय जनता पार्टी के साथ खड़े हो गए हैं।

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