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लोकसभा चुनाव: 1952 के बाद इस बार होगा देश में सबसे लंबा चुनाव, 1980 में बस 4 दिन में खत्म हो गई थी वोटिंग

Lok Sabha Election 2024: देश में आम चुनाव की सबसे छोटी मतदान अवधि का रिकॉर्ड 1980 के लोकसभा चुनाव के नाम है, जब महज 4 दिनों में मतदान प्रक्रिया पूरी हो गई था। इस बार चुनाव आयोग के तारीखों के ऐलान से लेकर वोटिंग पूरी होने तक तक, कुल चुनाव प्रक्रिया में 82 दिन लगेगा

अपडेटेड Mar 18, 2024 पर 11:35 AM
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Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 19 अप्रैल से मतदान की प्रक्रिया शुरू होगी

Lok Sabha Election 2024: इस बार लोकसभा चुनाव के लिए मतदान की प्रक्रिया 44 दिनों तक चलेगी। यह साल 1951-52 में हुए पहले लोकसभा के बाद मतदान की अबतक की दूसरी सबसे लंबी अवधि होगी। आजादी के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में मतदान 4 महीने से अधिक समय तक चला था। देश में आम चुनाव की सबसे छोटी मतदान अवधि का रिकॉर्ड 1980 के लोकसभा चुनाव के नाम है, जब महज 4 दिनों में मतदान प्रक्रिया पूरी हो गई था। इस बार चुनाव आयोग के तारीखों के ऐलान से लेकर वोटिंग पूरी होने तक तक, कुल चुनाव प्रक्रिया में 82 दिन लगेगा।

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 19 अप्रैल से मतदान की प्रक्रिया शुरू होगी। चुनाव सात चरणों में पूरा होगा। वहीं वोटों की गिनती चार जून को होगी। यह दुनिया की सबसे बड़ी चुनाव प्रक्रिया होगी। इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए दावेदारी कर रहे हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मतदान की इतनी लंबी अवधि के बारे पूछे जाने पर कहा कि चुनावों की तारीखों को देश के सभी क्षेत्रों की स्थिति, सार्वजनिक अवकाश, त्योहार और बच्चों की परीक्षाओं को ध्यान में रखकर तय किया गया है।


उनसे यह भी पूछा गया कि कहीं चुनाव कार्यक्रम लंबा होने से विपक्षी दलों को नुकसान तो नहीं पहुंचेगा। कुमार ने कहा, "यह पूछा गया है कि चुनाव सात चरणों में क्यों हो रहे हैं और विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि इससे समान अवसर में खलल पड़ सकता है।"

उन्होंने कहा, "देश के भूगोल को देखें। नदियां, पहाड़, बर्फ, जंगल, गर्मियां हैं। सुरक्षा बलों की गतिविधियों के बारे में सोचें। उन्हें इन्हीं चरणों के बीच इतने लंबे और चौड़े देश में एक जगह से दूसरे जगह जाना और तैनात होना है। उन पर दबाव की कल्पना करें उन पर।''

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, "हम किसी का पक्ष लेने या किसी को ठेस पहुंचाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। अगर किसी को ऐसा संदेह है तो वह गलत है।" बता दें कि कई विपक्षी दलों ने सात चरणों में चुनाव कराने के कदम की आलोचना की है, खासकर पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में।

देश का पहला आम चुनाव 25 अक्टूबर 1951 से लेकर 21 फरवरी 1952 तक चला था। यह समयावधि के हिसाब से देश में अबतक चला सबसे लंबा चुनाव था।

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