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Lok Sabha Elections 2024: हैदराबाद लोकसभा सीट पर क्या माधवी लता औवैसी के किले में सेंध लगा पाएंगी?

हैदराबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 1984 से ही ओवैसी परिवार की पकड़ रही है। ओवैसी को एक बार फिर इस सीट को जीतने की उम्मीद है। लेकिन, वोटर्स का कहना है कि जिस तरह से माधवी लता ने हिंदू वोटर्स को एकजुट किया है, उससे बीजेपी की जीत की उम्मीद बढ़ी है

MoneyControl Newsअपडेटेड May 04, 2024 पर 2:21 PM
Lok Sabha Elections 2024: हैदराबाद लोकसभा सीट पर क्या माधवी लता औवैसी के किले में सेंध लगा पाएंगी?
माधवी लता के प्रचार के तरीके से हैदराबाद में साम्प्रदायिक तनाव बढ़ा है। कुछ लोग उनकी आलोचन कर रहे हैं तो कुछ उनका समर्थन। कुछ लोगों ने बताया कि लता हिंदू वोटर्स को एकजुट करने में सफल रही हैं।

इस बार हैदराबाद लोकसभा सीट पर पूरे देश की निगाहें हैं। यहां मुकाबला एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी और बीजेपी की माधवी लता के बीच है। ओवैसी घर-घर जाकर वोटर्स को अपने काम और प्रतिबद्धता के बारे में बताने की कोशिश कर रहे हैं। 4 मई को उनका प्रचार फतेह शाह नगर, ईदी बाजार और कुमारवाडी में केंद्रित होगा। वह मतदाताओं को यह भरोसा दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि इस बार भी जीत उन्हीं की होगी। उन्होंने वोटर्स से कहा कल (3 मई) अमित शाह ने कहा कि पिछले 40 सालों से रजाकार हैदराबाद पर शासन कर रहे हैं। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि रजाकार देश छोड़कर जा चुके हैं। जो लोग यहां हैं वे इस देश के प्रति वफादार हैं। वे पिछले 40 सालों से आरएसएस को हराते आ रहे हैं।

ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने बीजेपी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि हम इस बार भी उन्हें हराएंगे। उन्होंने कहा कि देश भर की अलग-अलग जातियों और समुदाय के लोग यहां रहते हैं। ओवैसी की रैली से कुछ ही दूर माधवी लता (Madhavi Latha) चुनाव प्रचार कर रही हैं। वह केसरिया झंडों वाली खुली जीप में अपना प्रचार कर रही हैं। उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ पुलिस में कई गई शिकायत की वजह यह है कि उनकी बातों का गलत मतलब निकाला गया। हालांकि, इसमें कोई संदेह नहीं कि हैदराबाद का माहौल इस चुनावी मौसम में काफी गर्म हो चुका है।

सियासी पारा चढ़ा है हैदराबाद

लता के प्रचार के तरीके से हैदराबाद में साम्प्रदायिक तनाव बढ़ा है। कुछ लोग उनकी आलोचन कर रहे हैं तो कुछ उनका समर्थन। कुछ लोगों ने बताया कि लता हिंदू वोटर्स को एकजुट करने में सफल रही हैं। इससे उनकी जीत की संभावना बढ़ी है। कई ऐसे वोटर्स भी हैं, जो चुनावी माहौल गर्माने के बावजूद किसी पक्ष में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। एक्सपर्ट्स का कहना है कि 13 मई को वोटिंग से पहले सियासी पारा बढ़ सकता है। पुराने हैदराबाद में इस बार दीवारों पर पोस्टर्स और बैनर नहीं दिख रहे। इससे भी माहौल थोड़ा बेरंग लग रहा है।

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