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Why NDA losses in Maharashtra: महाराष्ट्र में इन पांच वजहों से नहीं चला जादू, लक्ष्य से आधी भी नहीं मिली सीटें

Why Mahayuti losses in Maharashtra: लोकसभा चुनाव शुरू होने पर महाराष्ट्र में बीजेपी के गठबंधन महायुति ने 45 से अधिक सीटों का लक्ष्य रखा था। यूपी के बाद महाराष्ट्र में ही देश भर में सबसे अधिक लोकसभा सीटें हैं। यहां लोकसभा की 48 सीटें है तो हर पार्टी का जोर यहां अधिक से अधिक सीट हासिल करने का रहता है। हालांकि आज जब नतीजे आ रहे हैं तो महायुति को तगड़ा झटका लगा है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Jun 04, 2024 पर 4:51 PM
Why NDA losses in Maharashtra: महाराष्ट्र में इन पांच वजहों से नहीं चला जादू, लक्ष्य से आधी भी नहीं मिली सीटें
Maharashtra LokSabha Election Results 2024: महायुति अपने लक्ष्य से आधी से भी कम सीटें ही ला सकी। राम मंदिर का उद्घाटन भी महाराष्ट्र के मतदाताओं के बीच गूंजने में विफल रहा।

Why Mahayuti losses in Maharashtra: लोकसभा चुनाव शुरू होने पर महाराष्ट्र में बीजेपी के गठबंधन महायुति ने 45 से अधिक सीटों का लक्ष्य रखा था। यूपी के बाद महाराष्ट्र में ही देश भर में सबसे अधिक लोकसभा सीटें हैं। यहां लोकसभा की 48 सीटें है तो हर पार्टी का जोर यहां अधिक से अधिक सीट हासिल करने का रहता है। हालांकि आज जब नतीजे आ रहे हैं तो महायुति को तगड़ा झटका लगा है। महायुति अपने लक्ष्य से आधी से भी कम सीटें ही ला सकी। राम मंदिर का उद्घाटन भी महाराष्ट्र के मतदाताओं के बीच गूंजने में विफल रहा। यहां महाराष्ट्र में महायुति के कमजोर प्रदर्शन की अहम वजहों के बारे में बताया जा रहा है।

'दागी' नेताओं को शामिल करने की रणनीति पड़ी उल्टी

जिन विपक्षी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों ने मामला दर्ज किया था, उन्हें महायुति में शामिल करने की रणनीति वोटर्स को पसंद नहीं आई। एक दिन किसी नेता को भ्रष्ट कहना और दूसरे दिन उसे पार्टी में ले लेना, इससे महायुति की विश्वसनीयता को धक्का लगा। अशोक चव्हाण, अजीत पवार, भावना गवली, प्रताप सरनाईक, यामिनी जाधव जैसे नेताओं को पहले बीजेपी भ्रष्टाचार को लेकर निशाना बनाती थी लेकिन फिर इन्हें अपनी ही पार्टी में शामिल कर लिया। इससे फायदा तो नहीं मिला, बल्कि वोटर्स का सेंटिमेंट ही बिगड़ गया।

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