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तमिलनाडु में AIADMK के विक्रवंडी उपचुनाव के बहिष्कार की असल वजह कुछ और है

लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद तमिलनाडु की राजनीतिक समीकरण बदलने के संकेत हैं। पिछले हफ्ते एआईएडीएमके के महासचिव ई के प्लानीस्वामी ने विक्रवंडी उपचुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया। ऐसा माना जाता है कि पार्टी के इस फैसले के पीछे कुछ डर है तो कुछ उम्मीद है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 17, 2024 पर 4:30 PM
तमिलनाडु में AIADMK के विक्रवंडी उपचुनाव के बहिष्कार की असल वजह कुछ और है
पूर्व विधायक जेसीडी प्रभाकर और के सी पलानीसामी ने पलानीस्वामी, पनीरसेल्वम, जयललिता की सहयोगी शशिकला और एएमएमके नेता टीटीवी दिनाकरन को चिट्ठी लिखी है। इसमें फिर से एक साथ आने और एकजुट होने की जरूरत पर बल दिया गया है।

लोकसभा चुनावों में एआईएडीएमके को एक भी सीट नहीं मिली। अब पार्टी ने तमिलनाडु में विक्रवंडी उपचुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है। इसकी कई वजहें हैं। हालांकि, एआईएडीएमके ने राज्य की डीएमके सरकार पर गड़बड़ी और अनियमितता के आरोप लगाए हैं। लेकिन, यह उपचुनाव के बहिष्कार की सही वजह नहीं है। दरअसल, लोकसभा चुनावों के कुछ ही दिन बाद एआईएडीमके दूसरी हार बर्दाश्त नहीं कर सकती। खासकर ऐसे निर्वाचन क्षेत्र में जहां डीएमके और एनडीए का सहयोगी दल पीएमके मजबूत स्थिति में है।

AIADMK ने उपचुनाव के बहिष्कार के पीछे की असल वजह नहीं बताई

लोकसभा चुनावों में AIADMK का प्रदर्शन एनडीए से बेहतर रहा। लेकिन, यह इतना अच्छा नहीं रहा कि वह BJP और PMK की मदद के बगैर DMK का मुकाबला कर सकेगी। पिछले हफ्ते एआईएडीएमके के महासचिव ई के प्लानीस्वामी ने विक्रवंडी उपचुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया। ऐसा माना जाता है कि पार्टी के इस फैसले के पीछे कुछ डर है तो कुछ उम्मीद है। उम्मीद यह है कि इससे तमिलनाडु में राजनीतिक समीकरण बदलेंगे। राज्य में एआईएडीमके की अगुवाई में दलों का मोर्चा बनेंगे, लेकिन बीजेपी इसकी शर्तें तय नहीं करेगी। डर यह है कि अगर उपचुनाव में एआईएडीएमके तीसरे पायदान पर आती है तो उसकी स्थिति और कमजोर हो जाएगी।

डीएमके और पीएमके घोषित कर चुके हैं उम्मीदवार

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