इस बार के लोकसभा चुनावों में मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या में बड़ी कमी आई है। इंडियन एक्सप्रेस के एक आर्टिकल के मुताबिक, इस बार 2019 के मुकाबले मुस्लिम उम्मीदवार की संख्या काफी घटी है। कुछ राजनीतिक दलों ने भी मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देने में कंजूसी दिखाई है। बीजेपी ने सिर्फ एक मुस्लिम को टिकट दिया है। उसके सहयोगी दल जदयू ने बिहार में सिर्फ एक मुस्लिम को उम्मीदवार बनाया है। इंडिया ब्लॉक में शामिल दलों ने भी ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में नहीं उतारा है। खास बात यह है कि इंडिया ब्लॉक के ज्यादातर दलों के साथ ही एनडीए का सहयोगी दल जदयू खुद को मुस्लिम समुदाय के हिमायती होने का दावा करते रहे हैं।
इस बार 78 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में
कांग्रेस, TMC, SP, RJD, NCP और CPI(M) ने इस बार 78 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। यह 2019 के लोकसभा चुनावों के मुकाबले काफी कम है। तब इन दलों ने मुस्लिम समुदाय के 115 लोगों को टिकट दिए थे। 2019 के लोकसभा चुनावों में 26 मुस्लिम उम्मीदवार जीते थे। इनमें से चार कांग्रेस और चार TMC के थे। बीएसपी के तीन मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव जीते थे, जबकि सपा का सिर्फ एक उम्मीदवार जीत हासिल कर पाया था। एनसीपी और सीपीएम के एक-एक मुस्लिम उम्मीदवार की जीत हुई थी। इन बड़े दलों के अलावा असम में एआईयूडीएफ, बिहार में लोकजनशक्ति पासवान, कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और आईयूएमएल के मुस्लिम उम्मीदवार जीते थे।
बीएसपी ने दिए मुस्लिमों को सबसे ज्यादा टिकट
BSP ने इस बार कुल 35 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। यह सभी दलों में मुस्लिम उम्मीदवारों की सबसे ज्यादा संख्या है। बीएसपी ने इनमें से आधे उम्मीदवार उत्तर प्रदेश में उतारे हैं। पार्टी ने मध्य प्रदेश में चार मुस्लिम उम्मीदवार, बिहार और दिल्ली में तीन-तीन, उत्तराखंड में 2 और राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, झारखंड, तेलंगाना और गुजरात में एक-एक मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतार हैं।
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उत्तर प्रदेश में बीएसपी के सबसे ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवार
उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के पीछे बसपा की दलित-मुस्लिम कंबिनेशन का फायदा उठाने की कोशिश है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य है, जहां लोकसभा की सबसे ज्यादा सीटें हैं। कुल 80 सीटों में से हर दल ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करने की कोशिश कर रहा है। कांग्रेस ने 19 मुस्लिम उम्मीदवार बनाए हैं। उसने सबसे ज्यादा छह टिकट पश्चिम बंगाल में मुस्लिम उम्मीदवार को दिए हैं। टीएमसी ने छह मुस्लिम लोगों को टिकट दिए हैं।