Adani Group News: अदाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) में प्रमोटर कंपनी अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रही है। चूंकि ग्रुप अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) के झटके से उबर रहा है तो प्रमोटर कंपनी केंपास ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट (Kempas Trade and Investment) ने भी इसमें अपनी हिस्सेदारी बढ़ा ली है। अब अदाणी एंटरप्राइजेज में प्रमोटर ग्रुप की हिस्सेदारी 67.65 फीसदी से बढ़कर 69.87 फीसदी हो गई है। एक्सचेंज फाइलिंग से इसका खुलासा हुआ है।
केंपास ने ओपन मार्केट में 7 अगस्त से 18 अगस्त के बीच लेन-देन के लिए जरिए अदाणी एंटरप्राइजेज में 2.22 फीसदी हिस्सेदारी बढ़ाई है। केंपास ने यह खरीदारी ऐसे समय में की है जब अमेरिकी बुटिक निवेश कंपनी जीक्यूजी पार्टनर्स (GQG Partners) भी अदाणी ग्रुप की कंपनियों में तेजी से पैसे लगा रही है।
GQG Partners का Adani Group की पांच कंपनियों में है निवेश
अदाणी ग्रुप की मार्केट में दस कंपनियां लिस्टेड हैं जिसमें से पांच कंपनियों में जीक्यूजी पार्टनर्स ने भी पैसे लगाए हुए हैं। स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक पिछले महीने ही जीक्यूजी ने थोक में अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) के शेयर खरीदे। इस खरीदारी के बाद अदाणी पोर्ट्स (Adani Ports) में जीक्यूजी की हिस्सेदारी बढ़ाकर 5.03 फीसदी हो गई। पिछले हफ्ते 16 अगस्त को इसने अदाणी पावर (Adani Power) में भी 7.73 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी।
प्रमोटर ग्रुप कंपनियों वर्ल्डवाइड एमर्जिंग मार्केट होल्डिंग और एफ्रो एशिया ट्रेंड एंड इनवेस्टमेंट्स ने अदाणी पावर की 8.09 फीसदी हिस्सेदारी 16 अगस्त को ब्लॉक डील के जरिए बेची थी जिसमें से 7.73 फीसदी को जीक्यूजी ने खरीदे थे। अदाणी पावर में अब प्रमोटर की हिस्सेदारी 74.97 फीसदी से घटकर 66.88 फीसदी पर आ चुकी है।
Hindenburg के झटके के बाद GQG ने जताया था भरोसा
हिंडनबर्ग ने अदाणी ग्रुप की कंपनियों पर स्टॉक मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड का आरोप लगाया था जिसके झटके से ग्रुप के शेयर ढह गए थे। हालांकि ग्रुप ने इन आरोपों से इनकार किया था। ऐसे अनिश्चित समय में जीक्यूजी ने इस पर भरोसा दिखाया और मई से इसमें पैसे लगा रही है। जीक्यूजी ने इससे पहले अदाणी एंटरप्राइजेज में 5.4 फीसदी, अदाणी ग्रीन में 6.54 फीसदी और अदाणी ट्रांसमिशन मे 2.5 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। जीक्यूजी अब तक अदाणी ग्रुप में 38700 करोड़ रुपये डाल चुकी है।