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Amber का बिग प्लान, IPO और QIP के जरिए जुटाएगी ₹3000 करोड़

अंबर ग्रुप ने एक बिग प्लान तैयार किया है जिसके तहत अपने विस्तार योजना की फंडिंग के लिए यह ₹3000 करोड़ जुटाने वाला है। इसके लिए यह एक लिस्टेड कंपनी के जरिए क्यूआईपी और एक कारोबारी इकाई का आईपीओ लाएगी। जानिए दोनों कंपनियों के बारे में और अंबर ग्रुप का प्लान क्या है और प्लान पर काम कितना बढ़ चुका है?

Edited By: Jeevan Deep Vishawakarmaअपडेटेड Jul 16, 2025 पर 4:04 PM
Amber का बिग प्लान, IPO और QIP के जरिए जुटाएगी ₹3000 करोड़
अंबर ग्रुप ने आईपीओ और क्यूआईपी इश्यू के जरिए ₹3000 करोड़ जुटाने का प्लान तैयार किया है।

अंबर ग्रुप ने आईपीओ और क्यूआईपी इश्यू के जरिए ₹3000 करोड़ जुटाने का प्लान तैयार किया है। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स सेगमेंट में काम करने वाली अंबर अपने विस्तार योजना की फंडिंग के लिए एक सब्सिडरी का आईपीओ और एक लिस्टेड कंपनी के क्यूआईपी इश्यू लाएगी। मनीकंट्रोल को यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है। जानकारी के मुताबिक इसकी कंज्यूमर ड्यूरेबल बिजनेस इकाई अंबर एंटरप्राइजेज इंडिया ₹1500 करोड़ का क्यूआईपी इश्यू लाने वाली है तो ईएमएस सब्सिडरी ILJIN Electronics भी ₹1200-₹1500 करोड़ का आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है। ILJIN Electronics ने आईपीओ के लिए इंवेस्टमेंट बैंकर्स नुवामा, डीएएम कैपिटल और मोतीलाल ओसवाल से बातचीत भी कर ली है।

Amber Enterprises के बोर्ड से मिल चुकी है फंड जुटाने की मंजूरी

अंबर एंटरप्राइजेज के बोर्ड ने 12 जुलाई को ₹2500 करोड़ तक फंड जुटाने की मंजूरी दे दी थी। अब इस पर 11 जुलाई को सालाना आम बैठक (AGM) में शेयरहोल्डर्स की मंजूरी लेना बाकी है। सूत्रों के मुताबिक क्यूआईपी इश्यू का ऑफर साइज करीब ₹1500 करोड़ का हो सकता है लेकिन निवेशकों के रूझान पर ही इसका फाइनल साइज तय होगा। इसके शेयर घरेलू मार्केट में 30 जनवरी 2018 को लिस्ट हुए थे और आईपीओ निवेशकों को ₹859 के भाव पर शेयर जारी हुआ था। आज बीएसई पर यह 3.01% की गिरावट के साथ ₹7598.80 पर बंद हुआ है।

कंपनी के कारोबार की बात करें तो यह रूम एसी बनाती है। इसके अलावा ILJIN के जरिए यह इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज के कारोबार में भी है और इसकी तीसरा बिजनेस वर्टिकल रेलवे सब-सिस्टम्स और डिफेंस का है। कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2025 में अंबर एंटरप्राइजेज का रेवेन्यू सालाना आधार पर 48% उछलकर ₹9,973 करोड़, ऑपरेटिंग प्रॉफिट 53% उछलकर ₹796 करोड़, प्रॉफिट 80% बढ़कर ₹251 करोड़ पर पहुंच गया। इसके कंज्यूमर ड्यूरेबल बिजनेस का रेवेन्यू 46% बढ़कर ₹7,329 करोड़ और इलेक्ट्रॉनिक्स डिविजन रेवेन्यू 77% बढ़कर 2,194 करोड़ पर पहुंच गया। हालांकि रेलवे सब-सिस्टम्स और डिफेंस बिजनेस का रेवेन्यू 6% गिरकर ₹450 करोड़ पर आ गया।

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