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टाटा मोटर्स, हुंडई, M&M, मारुति सुजुकी: ऑटो कंपनियों के शेयरों में आज क्यों आई गिरावट?

Auto Stocks: ऑटोमोबाइल कंपनियों के शेयरों में आज 9 दिसंबर को गिरावट देखने को मिली। Tata Motors और Hyundai Motor सहित सभी प्रमुख ऑटो कंपनियों के शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। यह गिरावट नवंबर महीने की बिक्री आंकड़ों के सामने बाद आई है, जिसमें पैसेंजर और कमर्शियल व्हीकल्स की बिक्री में सालाना आधार पर गिरावट देखी गई। निफ्टी ऑटो इंडेक्स (Nifty Auto index) शुरुआती कारोबार में 0.44 प्रतिशत तक लुढ़क गया

Moneycontrol Newsअपडेटेड Dec 09, 2024 पर 1:17 PM
टाटा मोटर्स, हुंडई, M&M, मारुति सुजुकी: ऑटो कंपनियों के शेयरों में आज क्यों आई गिरावट?
Auto stocks: हुंडई मोटर का शेयर 1.2 प्रतिशत गिरकर 1,838 रुपये पर आ गया

Auto Stocks: ऑटोमोबाइल कंपनियों के शेयरों में आज 9 दिसंबर को गिरावट देखने को मिली। Tata Motors और Hyundai Motor सहित सभी प्रमुख ऑटो कंपनियों के शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। यह गिरावट नवंबर महीने की बिक्री आंकड़ों के सामने बाद आई है, जिसमें पैसेंजर और कमर्शियल व्हीकल्स की बिक्री में सालाना आधार पर गिरावट देखी गई। निफ्टी ऑटो इंडेक्स (Nifty Auto index) शुरुआती कारोबार में 0.44 प्रतिशत तक लुढ़क गया, जो बाजार के कमजोर सेंटीमेंट को दिखाता है।

शुरुआती कारोबार में, हुंडई मोटर का शेयर 1.2 प्रतिशत गिरकर 1,838 रुपये पर आ गया। सभी ऑटो कंपनियों में सबसे अधिक गिरावट इसी शेयर में देखने को मिली। वहीं टाटा मोटर्स का शेयर 0.7 प्रतिशत गिरकर 811 रुपये पर कारोबार कर रहे थे। मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) और महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) में भी क्रमशः 0.4 प्रतिशत और 0.3 प्रतिशत देखने को मिली।

ऑटो शेयरों में यह गिरावट फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) की सेल्स रिपोर्ट के बाद आई। FADA ने बताया कि पैसेंजर कारों के रजिस्ट्रेशन में सालाना आधार पर 13.7 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली और यह 3.22 लाख यूनिट्स रहा। वहीं कमर्शियल वाहनों की बिक्री इस दौरान सालाना आधार पर 6.1 प्रतिशत घटकर 81,967 यूनिट्स रही।

इस रिपोर्ट से पैंसेजर कारों और कमर्शियल गाड़ियों की मांग में सुस्ती आने को लेकर चिंता पैदा हो गई है। FADA के प्रेसिडेंट, सीएस विग्नेश्वर ने कहा कि पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में इन्वेंट्री का स्तर कम हुआ है, लेकिन यह अभी भी 65-68 दिनों के उच्च स्तर पर बना हुआ है, जिससे डीलरों के लिए अतिरिक्त चुनौतियां पैदा हो रही हैं।

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