इंफो एज (Info Edge) ने ब्रोकर नेटवर्क (4बी नेटवर्क्स) में भारी निवेश किया हुआ है और जब कंपनी को अपने निवेश से जुड़ी कोई जानकारी नहीं हासिल हुई तो कंपनी ने ब्रोकर नेटवर्क का फोरेंसिक ऑडिट कराने का फैसला किया। इंफो एज ने इसकी जानकारी एक जून को एक्सचेंज फाइलिंग में दी थी। अब सामने आ रहा है कि ब्रोकर नेटवर्क के फाउंडर राहुल यादव ने अपनी कंपनी के ऑडिटिंग को मंजूरी देने के लिए दो हफ्ते का समय मांगा है। इंफो एज ने ऑडिट के लिए डेलॉयट (Deloitte) को ऑडिटर नियुक्त किया है। यह एंप्लॉयमेंट वेबसाइट नौकरीडॉटकॉम, मैट्रिमोमियल साइट जीवनसाथीडॉटकॉम और रियल एस्टेट क्लासिफाईड प्लेटफॉर्म 99एकर्सडॉटकॉम और एडुकेशनल पोर्टल शिक्षाडॉटकॉम की पैरेंट कंपनी है।
एक्सचेंज फाइलिंग में दी गई जानकारी के मुताबिक इंफो एज की पूर्ण मालिकाना हक वाली कंपनी ऑलचेकडील्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (AIPL) ने 4बी नेटवर्क्स में वित्तीय निवेश किया है और समय-समय पर इसे फंड मुहैया कराया है। 4बी नेटवर्क्स का काम रियल एस्टेट डेवलपर्स और ब्रोकर्स को ब्रोकर नेटवर्क प्लेटफॉर्म के जरिए एक-दूसरे से संपर्क कराना है। यह एंड-कंज्यूमर्स को लोन से जुड़ी सर्विसेज भी देती है। एआईपीएल ने इसमें 288 करोड़ रुपये का निवेश शेयरों के रुपये में किया है और 12 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है।
हालांकि जरूरत से ज्यादा खर्च, लिक्विडिटी की दिक्कतों और फंडिंग ऑप्शन्स को लेकर अनिश्चितताओं के चलते 4बी नेटवर्क्स में पूरा निवेस बर्बाद हो गया। एआईपीएल का कहना है कि उसने कई बार 4बी नेटवर्क्स से नियमों के मुताबिक सभी वित्तीय लेन-देन की जानकारी मांगी। जब कोई जानकारी नहीं मिली तो एआईपीएल ने प्रावधानों के आधार पर 4बी नेटवर्क्स की फोरेंसिक ऑडिट करने के लिए डेलॉयट को नियुक्त किया है।
मेजॉरिटी हिस्सेदारी के बावजूद दिक्कत
ब्रोकर नेटवर्क को हाउसिंगडॉटकॉम के फाउंडर राहुल यादव ने नवंबर 2020 में शुरू किया था। राहुल के पास कंपनी के सर्वर्स और सिस्टम्स का कंट्रोल है। सूत्रों के मुताबिक राहुल ने इंफो एज को कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया। इसके अलावा मनीकंट्रोल को जो जानकारी हासिल हुई है, उसके मुताबिक राहुल जानकारी देने के लिए इंफो एज से और पैसे की मांग कर रहे हैं। इंफो एज की ब्रोकर नेटवर्क में 60 फीसदी हिस्सेदारी है और इस तरह से सभी डेटा पर इसका पूरा हक है। राहुल ने जानकारी देने के लिए दो हफ्ते का समय मांगा है लेकिन अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि दो हफ्ते बाद इंफो एज कोई लीगल एक्शन लेगी या नहीं।
सूत्रों के मुताबिक फोरेंसिक ऑडिट में राहुल के खिलाफ कई एंप्लॉयीज की शिकायतों और ब्रोकर नेटवर्क के खिलाफ मामलों की जांच की उम्मीद है। इसके अलावा ऑडिट उन आरोपों की भी जांच करेगा कि कंपनी हाई वैल्यू वाले ट्रांजैक्शन्स में लगी हुई है और संबंधित पक्षों के साथ सौदे करती है।
कंपनी ने निवेश डाल दिया बट्टे खाते में
ब्रोकर नेटवर्क को वित्त वर्ष 2022 में 18 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ था लेकिन इसे 58 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा भी हुआ था। वहीं इंफो एज ने जानकारी दी थी कि दिसंबर 2022 तिमाही में इस कंपनी में 276 करोड़ रुपये के निवेश को बट्टे खाते में डाल दिया गया है।