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लाइफ इंश्योरेंस, बैंकों और रियल्टी सेक्टर पर जानें ब्रोकरेजेज की रणनीति, कौन से स्टॉक्स हैं उनकी पसंद

Banks पर विदेशी ब्रोकरेज फर्म एचएसबीसी ने कहा कि रेपो रेट कट के बाद NIM तेजी से सामान्य हो सकता है। डिपॉजिट रेट कट से निजी बैंकों की डिपॉजिट लागत 24-60bp घटेगी। एक साल में सरकारी बैंकों की डिपॉजिट लागत 11-24bp घटेगी। NIM में सरकारी बैंकों से ज्यादा बड़े बैंकों को फायदा हो सकता है

Edited By: Sunil Guptaअपडेटेड Jun 12, 2025 पर 9:32 AM
लाइफ इंश्योरेंस, बैंकों और रियल्टी सेक्टर पर जानें ब्रोकरेजेज की रणनीति, कौन से स्टॉक्स हैं उनकी पसंद
रियल्टी सेक्टर पर जेफरीज ने कहा कि सेल्स ग्रोथ से रियल एस्टेट कंपनियों की री-रेटिंग की संभावना है। ब्रोकरेज ने कहा कि इस सेक्टर में उन्हे DLF, Godrej Properties, Lodha के शेयर पसंद हैं

लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के बार में ब्रोकरेज का कहना है कि निजी कंपनियों के इंडिविजुअल APE से इंडिविजुअल न्यू SA ग्रोथ बेहतर देखने को मिल रही है। ब्रोकरेज के मुताबिक जबकि सालाना आधार पर HDFC Life की मई में इंडिविजुअल न्यू SA ग्रोथ 14% रही। बैंकों पर एचएसबीसी ने कहा कि रेपो रेट कट के बाद NIM तेजी से सामान्य हो सकता है। डिपॉजिट रेट कट से निजी बैंकों की डिपॉजिट लागत 24-60bp घटेगी। एक साल में सरकारी बैंकों की डिपॉजिट लागत 11-24bp घटेगी। छोटे और मिड साइज बैंक को NIM में ज्यादा फायदा हो सकता है। इसके साथ ही रियल्टी पर ब्रोकरेज ने अपनी राय जाहिर की है। इसमें उन्हें डीएलएफ और गोदरेज प्रॉपर्टीज से जैसे स्टॉक्स पसंद आ रहे हैं।

MS ON LIFE INSURANCE

मॉर्गन स्टैनली ने लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर पर राय देते हुए कहा कि निजी कंपनियों के इंडिविजुअल APE से इंडिविजुअल न्यू SA ग्रोथ बेहतर देखने को मिल रही है। सालाना आधार पर मई में SBI Life ने 68% की ग्रोथ दर्ज की है। SBI Life को नए रिटेल प्रोटेक्शन प्रोडक्ट की लॉन्च से फायदा हुआ है। वहीं सालाना आधार पर IPru Life का मई में इंडिविजुअल न्यू SA ग्रोथ 19% रही। जबकि सालाना आधार पर HDFC Life की मई में इंडिविजुअल न्यू SA ग्रोथ 14% रही।

HSBC ON BANKS

बैंकों पर राय देते हुए विदेशी ब्रोकरेज फर्म एचएसबीसी ने कहा कि रेपो रेट कट के बाद NIM तेजी से सामान्य हो सकता है। डिपॉजिट रेट कट से निजी बैंकों की डिपॉजिट लागत 24-60bp घटेगी। एक साल में सरकारी बैंकों की डिपॉजिट लागत 11-24bp घटेगी। छोटे और मिड साइज बैंक को NIM में ज्यादा फायदा हो सकता है। NIM में सरकारी बैंकों से ज्यादा बड़े बैंकों को फायदा हो सकता है।

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