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BSE Share Price: Jane Street पर कार्रवाई का असर, 15% टूट गए शेयर, ब्रोकरेज फर्मों का ये है रुझान

BSE Share Price: एशिया के सबसे पुराने एक्सचेंज बीएसई के शेयरों में आज बिकवाली की भारी आंधी आई। इस ताबड़तोड़ बिकवाली में यह 9% से अधिक टूट गया। इसके शेयरों में बिकवाली के दबाव का एक अमेरिकी कनेक्शन भी है। ब्रोकरेज फर्म भी इसे लेकर खास बुलिश नहीं है। चेक करें कि बीएसई पर दबाव क्यों है और आगे क्या रुझान है?

Edited By: Jeevan Deep Vishawakarmaअपडेटेड Jul 08, 2025 पर 4:05 PM
BSE Share Price: Jane Street पर कार्रवाई का असर, 15% टूट गए शेयर, ब्रोकरेज फर्मों का ये है रुझान
BSE Share Price: मैनिपुलेशन के आरोप में सेबी ने अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट (Jane Street) पर कड़ी कार्रवाई की। इसका बीएसई के शेयरों को तगड़ा झटका लगा।

BSE Share Price: मैनिपुलेशन के आरोप में कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट (Jane Street) पर कड़ी कार्रवाई की। सेबी ने इसे ने सिर्फ भारतीय सिक्योरिटीज मार्केट से प्रतिबंधित कर दिया बल्कि जुर्माना भी लगाया है। इसका बीएसई के शेयरों को तगड़ा झटका लगा और आज भी यह 9% से अधिक टूट गया। जेन स्ट्रीट पर कार्रवाई के बाद से बीएसई के शेयर 15% से अधिक टूटकर आज इंट्रा-डे में ₹2,437.70 तक आ गए थे। इसमें 9.15% की गिरावट तो महज आज इंट्रा-डे में आई है। निचले स्तर पर खरीदारी से भी शेयर संभल नहीं पाए। आज NSE पर यह 5.55% की गिरावट के साथ ₹2,490.00 पर बंद हुआ है।

क्या है ब्रोकरेज फर्मों का रुझान?

वैश्विक ब्रोकरेज फर्म जेफरीज का कहना है कि जेन स्ट्रीट पर सेबी की कार्रवाई का बीएसई पर असर सीमित रहेगा। जेफरीज का कहना है कि वित्त वर्ष 2026 में बीएसई के रेवेन्यू में डेरिवेटिव्स की हिस्सेदारी करीब 58% रह सकती है। इस सेगमेंट में एफपीआई की टर्नओवर में 3-4% हिस्सेदारी रह सकती है और इसमें भी जेन स्ट्रीट की हिस्सेदारी महज 1% के आस-पास ही रह सकती है।

घरेलू ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का मानना है कि बीएसई के शेयरों पर नियामकीय प्रतिबंधों से वॉल्यूम पर दबाव, एक्सपायरी के दिन में बदलाव, और हाई वैल्यूएशन के चलते रिस्क दिख रहा है। ब्रोकरेज की रिपोर्ट में इसका भी उल्लेख किया गया है कि मासिक आधार पर जून महीने में बीएसई का प्रीमियम ADTV (एवरेज डेली टर्नओवर) अप्रैल और मई में तेज उछाल के बाद 12.4% गिरकर ₹13,900 करोड़ पर आ गया। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि बीएसई का ओवरऑल फंडामेंटल पॉजिटिव बना हुआ है और मौजूदा वैल्यूएशन से मीडियम टर्म में ग्रोथ की अच्छी संभावनाएं दिख रही हैं।

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