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Zerodha के नितिन कामत का सुझाव, AUM से सीधे हो एडवायजरी फीस की वसूली

मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने इस महीने की शुरुआत में 6 अगस्त को इनवेस्टमेंच एडवाइजर्स (IAs) और रिसर्च एनालिस्ट्स (RAs) के रेगुलेटरी फ्रेमवर्क को एक कंसल्टेशन फ्रेमवर्क जारी किया था। सेबी का लक्ष्य है कि इनकी सर्विसेज को बढ़ावा मिले और अधिक से अधिक लोगों तक इनकी पहुंच हो। अब इसे लेकर जीरोधा ने सेबी को एक सुझाव दिया है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Aug 31, 2024 पर 1:54 PM
Zerodha के नितिन कामत का सुझाव, AUM से सीधे हो एडवायजरी फीस की वसूली
जीरोधा के को-फाउंडर और सीईओ नितिन कामत ने का कहना है कि अगर हर महीने एडवायजरी फीस ली जाए और किसी महीने मार्केट का परफॉरमेंस खराब रहे तो उस महीने के एडवाजरी फीस को कैसे सही ठहराया जाएगा।

मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने इस महीने की शुरुआत में 6 अगस्त को इनवेस्टमेंच एडवाइजर्स (IAs) और रिसर्च एनालिस्ट्स (RAs) के रेगुलेटरी फ्रेमवर्क को एक कंसल्टेशन फ्रेमवर्क जारी किया था। सेबी का लक्ष्य है कि इनकी सर्विसेज को बढ़ावा मिले और अधिक से अधिक लोगों तक इनकी पहुंच हो। अब इसे लेकर जीरोधा ने सेबी से पूछा है कि क्या ग्राहकों से फीस वसूलने की बजाय सीधे उनके एसेट्स से एडवायजरी फीस कलेक्ट कर सकते हैं? जीरोधा के को-फाउंडर और सीईओ नितिन कामत ने का कहना है कि अगर हर महीने एडवायजरी फीस ली जाए और किसी महीने मार्केट का परफॉरमेंस खराब रहे तो उस महीने के एडवाजरी फीस को कैसे सही ठहराया जाएगा। उन्होंने ये बातें 30 अगस्त को ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में कही।

Zerodha की कॉम्पटीटर Groww का क्या कहना है?

जीरोधा की कॉम्पटीटर ग्रो के फाउंडर और सीईओ हर्ष जैन का कहना है कि अगर निवेश की सलाह अच्छी है तो इसकी लागत होगी ही। उन्होंने आगे कहा कि अब समय बदल रहा है और ग्राहक अच्छी एडवायजरी सर्विसेज के लिए पैसे देने के लिए तैयार हो रहे हैं।

SEBI क्यों कर रहा बदलाव

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