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आखिर Dabur वाली बर्मन फैमिली और Religare Enterprises के बीच चल रही लड़ाई की असल वजह क्या है?

रेलिगेयर एंटरप्राइजेज (आरईएल) की चेयरपर्सन रश्मि सलूजा और कंपनी के सबसे बड़े शेयरहोल्डर बर्मन फैमिली के बीच चल रही लड़ाई अब प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और वित्तमंत्रालय तक पहुंच गई है। उधर, ED ने सलूजा और दो डायरेक्टर्स के खिलाफ सितंबर में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 26, 2024 पर 12:37 PM
आखिर Dabur वाली बर्मन फैमिली और Religare Enterprises के बीच चल रही लड़ाई की असल वजह क्या है?
बर्मन फैमिली की रेलिगेयर एंटरप्राइजेज में 25% से ज्यादा हिस्सेदारी है।

रेलिगेयर एंटरप्राइजेज (आरईएल) और इसके सबसे बड़े शेयरहोल्डर की लड़ाई अब छुपी नहीं रह गई है। दरअसल, बर्मन फैमिली की कोशिश कंपनी का नियंत्रण हासिल करने की है। बर्मन परिवार देश के बहुत पुराने औद्योगिक घरानों में शामिल है। इसकी कंपनी और ब्रांड डाबर की पहचान घर-घर में है। यह परिवार 100 साल से ज्यादा समय से बिजनेस में है। आरईएल पर नियंत्रण की डाबर की कोशिश का विरोध कंपनी का मैनेजमेंट इस आधार पर कर रहा है कि बर्मन परिवार को फाइनेंशियल कंपनी चलाने का अनुभव नहीं है। आइए इस पूरे मामले को समझने की कोशिश करते हैं।

बर्मन फैमिली की कंपनी में 25 फीसदी हिस्सेदारी

Burman Family ने 25 सितंबर, 2023 को Religare Enterprises (REL) के 5.27 फीसदी शेयर खरीदे थे। कंपनी में पहले से उसकी 21.24 फीसदी हिस्सेदारी थी। इससे उसकी हिस्सेदारी कंपनी में बढ़कर 25 फीसदी से ज्यादा हो गई। SEBI के नियमों के तहत अब बर्मन फैमिली के लिए ओपन ऑफर पेश करना जरूरी हो गया। उसने ओपन ऑफर पेश किया। 26 सितंबर (2023) को ओपन ऑफर पेश करने के अगले ही दिन REL की चेयरपर्सन रश्मि सलूजा और दूसरे एग्जिक्यूटिव्स ने अपने शेयर बेच दिए। बर्मन फैमिली ने सेबी से इस मामलें की जांच की मांग की। उसने आरोप लगाया कि मैनेजमेंट कंपनी पर उसके नियंत्रण की कोशिश में रोड़े अटका रहा है।

रश्मि सलूजा के खिलाफ ईडी ने शुरू की है जांच

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