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इस पेनी स्टॉक्स में निवेशकों के साथ हो रहा था 'धोखा', SEBI के एक्शन के बाद भरभरकार गिरा शेयर

Debock Industries shares: SEBI के आदेश में बताया गया है कि डेबॉक इंडस्ट्रीज के प्रमोटर्स ने निवेशकों के साथ बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की है। इस आदेश के बाद डेबॉक इंडस्ट्रीज के शेयरों में सोमवार 26 अगस्त को जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। कंपनी के शेयर आज करीब 12 पर्सेंट लुढ़क गए। दिन के कारोबार के दौरान इसका भाव 5.82 रुपये तक गिर गया, जो इसका नया 52-वीक लो है

Moneycontrol Newsअपडेटेड Aug 26, 2024 पर 9:50 PM
इस पेनी स्टॉक्स में निवेशकों के साथ हो रहा था 'धोखा', SEBI के एक्शन के बाद भरभरकार गिरा शेयर
Debock Industries shares: डेबॉक इंडस्ट्रीज के शेयर मार्च 2022 में NSE के मेनबोर्ड पर ट्रांसफर हुए थे

Debock Industries shares: शेयर बाजार में कमाई के मौके बहुत हैं। लेकिन कई बार यहां भोले-भोले निवेशकों को फंसाने की भी कोशिश होती है। खासतौर से पेनी स्टॉक्स में। सेबी (SEBI) लगातार ऐसे मामलों को रोकने की कोशिश कर रही हैं। कई तरह के नियम भी बनाए जा चुके हैं। लेकिन इसके बावजूद अभी भी ऐसे मामले पूरी तरह थमे नहीं हैं। आज के इस वीडियो में भी हम ऐसे ही एक शेयर के बारे में बात करेंगे, जिसने अपने निवेशकों के साथ बड़ा धोखा किया है। हम बात कर रहे हैं डेबॉक इंडस्ट्रीज (Debock Industries) के बारे में, जिसके शेयर आज 26 अगस्त को गिरकर 52 हफ्तों के नए निचले स्तर पर पहुंच गए।

SEBI ने क्यों किया बैन?

SEBI ने 23 अगस्त को एक अंतरिम आदेश जारी किया, जिसमें बताया गया कि डेबॉक इंडस्ट्रीज के प्रमोटर्स ने निवेशकों के साथ बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की है। इस कंपनी की जून 2018 में NSE के 'इनोवेटर्स ग्रोथ प्लेटफॉर्म (Innovators Growth Platform) पर लिस्टिंग हुई थी और मार्च 2022 में इसे NSE के मेनबोर्ड पर ट्रांसफर कर दिया था। SEBI का कहना है कि कंपनी और उसके प्रमोटर्स एक सोची-समझी योजना के तहत निवेशकों को धोखा दे रहे थे और उन्होंने कंपनी का फंड्स निकालकर उसका इस्तेमाल निजी लाभ के लिए किया।

SEBI का अंतरिम ऑर्डर

SEBI के आदेश में बताया गया है कि कंपनी के प्रमोटर्स ने जानबूझकर अपने वित्तीय आंकड़े बढ़ाकर दिखाए, ताकि कंपनी की आर्थिक स्थिति बेहतर दिखाई दे और वे निवेशकों को फंसाने में कामयाब हो सकें। कंपनी ने अपने वित्त वर्ष 2022 के सेल्स आंकड़े लगभग 72% और वित्त वर्ष 2023 के आंकड़े 77% तक बढ़ाकर पेश किए। इसी तरह, परचेज के आंकड़े भी लगभग 94% तक बढ़ा दिए गए थे। यह सब जटिल वित्तीय लेन-देन के जरिए किया गया, ताकि आसानी से पकड़ में न आए और कंपनी की आर्थिक सेहत अच्छी दिखाई जा सके।

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