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Defence Stocks : 6-12 महीने की अवधि में डिफेंस शेयरों में कम रिटर्न संभव : गुरमीत चड्ढा

Defecne Stocks: 40000 करोड़ रुपए की इमर्जेंसी डिफेंस खरीद कर रही है। इससे भी डिफेंस शेयरों में तेजी दिख रही है। दूसरी और प्रोजेक्ट कुशा से भी तमाम शेयरों में तेजी आई है। भारत का स्वदेशी प्रोजेक्ट कुशा,S-500 को चुनौती देने वाला एक एडवांस लॉन्ग-रेंज एयर डिफेंस सिस्टम है। इससे भारत को हाइपरसोनिक मिसाइलों सहित विभिन्न खतरों से बचाव मिलेगा

MoneyControl Newsअपडेटेड May 28, 2025 पर 1:20 PM
Defence Stocks : 6-12 महीने की अवधि में डिफेंस शेयरों में कम रिटर्न संभव : गुरमीत चड्ढा
नाटो संगठन के प्रेसीडेंट ने सभी नाटो देशों से कहा है कि वे अपने जीडीपी का 5 फीसदी हिस्सा डिफेंस के लिए रखें। पिछले साल नाटो देशों का ये खर्च 2 फीसदी था

मार्केट फंडामेंटल्स पर बात करते हुए कंप्लीट सर्कल (Complete Circle) के मैनेजिंग पार्टनर और CIO गुरमीत चड्ढा ने कहा कि एफआईआई निवेश के नजरिए से हमें दो-तीन चीजों पर नजर रखने की जरूरत है। हमें बॉन्ड यील्ड में हो रही बढ़त पर नजर रखनी चाहिए। यूएस ही नहीं जापानी बॉन्ड यील्ड में भी बढ़त हुई है। बॉन्ड यील्ड में ये बढ़त शॉर्ट टर्म में एफआईआई निवेश के कम कर सकती है। मीडियम टर्म में आपको उभरते बाजारों में विदेशी पैसा आते दिखेगा। लेकिन बीच-बीच में हमें टैरिफ से जुड़ी परेशानियां और बॉन्ड यील्ड में बढ़त जैसी दिक्कतें देखने को मिलेंगी।

गुरमीत ने आगे कहा कि अगर निफ्टी को 25000 के ऊपर जाना है तो अर्निंग्स में और सुधार की जरूरत है। चौथी तिमाही के अब तक के नतीजे देखें तो ब्रॉडर मार्केट में करीब 10-10.5 फीसदी की अर्निंग ग्रोथ देखने को मिली है। लेकिन ये ग्रोथ 12-13 फीसदी आना जरूरी है। बाजार थोड़ा अर्बन रिकवरी देखना चाहता है। मॉनसून थोड़ा पहले आ गया है। बाजार को ग्रामीण इकोनॉमी में थोड़ा और मजबूती की उम्मीद है। जैसे ही ये सभी इंडीकेटर थोड़ा और बेहतर होंगे बाजार नई तेजी पकड़ेगा। इस बीच अगर बाजार कुछ कंसोलीडेट करता है तो कुछ खास बुराई नहीं है।

गुरमीत चड्ढा की राय है कि डिफेंस शेयरों का वैल्युएशन महंगा हो गया है। 6-12 महीने के लिए डिफेंस में कम रिटर्न संभव है। गिरावट में डिफेंस शेयरों में निवेश बेहतर रहेगा। यह सेक्टर बहुत सारी अच्छी खबरों के असर को पचा चुका है। ये शेयर काफी भाग चुके हैं। सोलार इंडस्ट्री अपने फरवरी महीने के लो से करीब डबल हो गया है। एचएएल और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स 60-70 फीसदी भाग चुके हैं। डेटा पैटर्न में बहुत तेज बढ़त देखने को मिली है। जेन टेक 40-50 फीसदी ऊपर है। नियर टर्म के नजरिए से ये शेयर महंगे दिख रहे हैं। लेकिन किसी गिरावट में इन शेयरों में लंबे नजरिए से निवेश किया जा सकता है।

नाटो संगठन के प्रेसीडेंट ने सभी नाटो देशों से कहा है कि वे अपने जीडीपी का 5 फीसदी हिस्सा डिफेंस के लिए रखें। पिछले साल नाटो देशों का ये खर्च 2 फीसदी था। अगर आप यूरोपीय यूनियन की बात करें तो ये 20 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी है। अगर डिफेंस पर इनका 5 फीसदी खर्च होता है तो यूरोपीय यूनियन में 1 लाख करोड़ डॉलर के डिफेंस स्पेंडिंग की बात चल रही है। ये बहुत बड़ा डिफेंस खर्च है। ग्लोबल मिलिटरी एक्पेंडीचर करीब 2.7-2.8 लाख करोड़ डॉलर है। इसमें अगर 15 फीसदी की ग्रोथ आती है तो आप बहुत हाई डिफेंस स्पेंडिंग की और बढ़ रहे हैं। ऐसे में लगता है कि इंडिया में हमें डिफेंस एक्सपोर्ट सरप्राइज करेगा।

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