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Disinvestment: इस साल हो सकता है IDBI बैंक और NMDC स्टील में विनिवेश, लैंड मोनेटाइजेशन पर होगा ज्यादा फोकस

Disinvestment: तुहिन कांत पांडे ने कहा कि इस समय सरकार का फोकस शिफ्ट हुआ है और सरकार इस समय ओवर ऑल पब्लिक एसेट मैनेजमेंट पर काम कर रही है। इसमें सिर्फ विनिवेश ही नहीं बल्कि पब्लिक सेक्टर के वैल्यू क्रिएशन पर ज्यादा फोकस है। विनिवेश प्रक्रिया उसका एक अंग है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 29, 2024 पर 12:59 PM
Disinvestment: इस साल हो सकता है IDBI बैंक और NMDC स्टील में विनिवेश, लैंड मोनेटाइजेशन पर होगा ज्यादा फोकस
तुहिन ने बताया कि PSU कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने से परहेज नहीं है। सरकार किसी भी PSU सेक्टर को रिजर्व नहीं रखेगी। लेकिन इस समय लैंड मोनेटाइजेशन पर फोकस ज्यादा होगा

साल 2024-25 के लिए सरकार ने विनिवेश लक्ष्य 50,000 करोड़ रखा है। ये एक बड़ा मुद्दा है जो बजट से भी जुड़ा है। इस पर सरकार का कहना है कि उनका फोकस लैंड मोनेटाइजेशन पर होगा। देश में कैसा है विनिवेश रोडमप, आगे विनिवेश को लेकर क्या हैं सरकार की योजना, विनिवेश की प्रक्रिया थोड़ी स्लो क्यों है? इन सभी पर बात करने के लिए आज सीएनबीसी-आवाज़ को साथ मौजूद रहे विनिवेश सचिव, तुहिन कांत पांडे

ओवर ऑल पब्लिक एसेट मैनेजमेंट पर फोकस

पिछला वित्त वर्ष विनिवेश के नजरिए से बहुत अच्छा नहीं गया और इस साल भी अभी तक विनिवेश की प्रक्रिया धीमी रही है। इस साल के लिए क्या हैं प्लान, किन कंपनियों में विनिवेश हो सकता है और क्या 50,000 करोड़ का लक्ष्य हासिल होगा? इसका जवाब देते हुए तुहिन कांत पांडे ने कहा कि इस समय सरकार का फोकस शिफ्ट हुआ है और सरकार इस समय ओवर ऑल पब्लिक एसेट मैनेजमेंट पर काम कर रही है। इसमें सिर्फ विनिवेश ही नहीं बल्कि पब्लिक सेक्टर के वैल्यू क्रिएशन पर ज्यादा फोकस है। विनिवेश प्रक्रिया उसका एक अंग है लेकिन इस समय फोकस वाला पहलू नहीं है। लेकिन विनिवेश के जो ट्रांजेक्शंस हैं वो लगातार चलते रहते हैं और उनको मार्केट के साथ लिंक करने की जो हमारी प्रक्रिया रही है वहीं आगे भी जारी रहेगी।

समय की जरूरत के हिसाब से विनिवेश की प्रक्रिया चलती रहेगी

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