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क्या आपको भी सिर्फ चढ़ने वाले स्टॉक्स दिखते हैं? जानिए शेयरों की दुनिया में सफलता और नाकामी कैसे साथ-साथ चलती हैं

स्टॉक्स की दुनिया में सफलता और असफलता की कहानियां एक साथ चलती हैं। कुछ शेयरों की कीमतें फर्श से अर्श पर पहुंच जाती हैं तो कई ऐसे स्टॉक्स भी हैं, जिनकी कीमतें आसमान से जमीन पर आ जाती हैं। लेकिन, ज्यादातर निवेशकों को सिर्फ चढ़ने वाले शेयर दिखते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 30, 2024 पर 6:14 PM
क्या आपको भी सिर्फ चढ़ने वाले स्टॉक्स दिखते हैं? जानिए शेयरों की दुनिया में सफलता और नाकामी कैसे साथ-साथ चलती हैं
2014 में 250 स्मॉलकैप स्टॉक्स थे। इनमें से सिर्फ 3 लार्जकैप बने। 43 मिडकैप बन गए। 93 स्टॉक्स गिरकर माइक्रोकैप स्टॉक्स की कैटेगरी में आ गए थे।

हाल में स्मॉलकैप स्टॉक्स में आई तेजी से इनवेस्टर्स को ऐसा लगता है कि हर स्मॉलकैप स्टॉक एक दिन मल्टी-बैगर बन जाएगा। इस वजह से वे स्मॉलकैप स्टॉक्स पर जमकर दांव लगा रहे हैं। लेकिन, वे गलत समय पर ऐसा कर रहे हैं, क्योंकि तेजी के इस साइकिल पर सर्वाइवरशिप बायस का असर दिख रहा है। सर्वाइवरशिप बायस का मतलब शेयरों के सेलेक्शन में ऐसे पूर्वाग्रह से है, जिसमें सेलेक्शन प्रोसेस के गलत नतीजों की अनदेखी कर दी जाती है। इसमें व्यक्ति सिर्फ सफलता को देखता है, वह असफलता को नजरअंदाज कर देता है। इससे हमें सच्चाई की असल तस्वीर नहीं दिखती।

क्या वाकई लार्जकैप सबसे सुरक्षित हैं?

ट्रस्ट म्यूचुअल फंड के सीआईओ मिहिर वोरा ने इस बारे में कुछ दिलचस्प डेटा पेश किए हैं। उन्होंने बताया है कि 2014 में 100 लार्जकैप स्टॉक्स थे। इनमें से 17 बाद में मिडकैप कैटेगरी में आ गए। 4 स्मॉलकैप कैटेगरी में आ गए। 1 स्टॉक गिरकर माइक्रोकैप कैटेगरी में आ गया। तब इनवेस्टर्स को ऐसा लग रहा होगा कि लार्जकैप स्टॉक्स निवेश के लिए सबसे सुरक्षित होते हैं। अंदाजा लगाइए उन निवेशकों का जिन्होंने उस लार्जकैप स्टॉक में निवेश किया होगा, जो गिरकर माइक्रोकैप में आ गया।

स्मॉलकैप स्टॉक्स गिरकर माइक्रोकैप बन सकते हैं

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