Dollar Vs Rupee : रुपये में गिरावट थम नहीं रही है। एक डॉलर का भाव 90 रुपये के पास पहुंच गया है। हालत ये है कि पूरे एशिया में रुपया सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली करेंसी बन गया है। रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर दिख रहा है। आज इसमें लगातार दूसरे दिन कमजोरी बढ़ती दिखी। इसने आज 89.95 रुपए प्रति डॉलर का नया निचला स्तर बनाया है। इस साल रुपये में 4.5 फीसदी की गिरावट आई है। यह पूरे एशिया में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली करेंसी बन गई है। रुपया, इंडोनेशियाई रुपिया और फिलीपींस पेसो से भी कमजोर हो गया है।
FPIs की लगातार बिकवाली ने रुपए पर दबाव बनाया है। भारत-US ट्रेड डील में देरी से भी रुपए पर निगेटिव असर पड़ रहा है। ज्यादा तेल इंपोर्ट और कमजोर एक्सपोर्ट से CAD (करेंट एकाउंट डेफिसिट) में उछाल आया है। इसके चलते डॉलर-रुपए ट्रेड के अहम टेक्निकल स्तर टूटे हैं और SL हिट हुए हैं। मजबूत GDP के बाद दरें घटने की गुंजाइश भी कम हुई है। इसका असर रुपए पर आया है।
दूसरी करेंसी के मुकाबले रुपया
अगर दूसरी करेंसी के मुकाबले रुपये की चाल पर नजर डालें तो 2025 में रुपए में 4.4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। वहीं, Argentine Peso में 28.9 फीसदी और Turkish Lira में 16.73 फीसदी की गिरावट आई है। इंडोनेशिया का Rupiah 3.19 फीसदी और फिलीपींस का पेसो 0.95 फीसदी गिरा है। वहीं, कोरिया के Won में 0.88 फीसदी की मजबूती आई है। चीन का RMB भी 3.23 फीसदी मजबूत हुआ है। वहीं, ताइवानी डॉलर 4.34 फीसदी और थाई बहत 7.59 फीसदी मजबूत हुआ है। मलेशिया के रिंगित में भी 8.19 फीसदी की मजबूती दिखी है। मैक्सिकन पेसो 13.92 मजबूत हुआ है। वहीं, ब्राजील का रियल 15.47 फीसदी मजबूत हुआ है।
भारत और US के बीच एक फेयर ट्रेड डील की जरूरत
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने कहा "रुपये में लगातार कमजोरी एक बड़ी दिक्कत है जो FII फ्लो पर असर डाल रही है। भारत और US के बीच एक फेयर ट्रेड डील रुपये की कमजोरी को रोक सकती है, लेकिन यह मुद्दा बहुत लंबे समय से लटका हुआ है।"
करंट अकाउंट डेफिसिट बढ़ने का डर
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि भारत के बढ़ते व्यापार घाटे (ट्रेड डेफिसिट) से चालू वित्त वर्ष में चालू खाता घाटा (करंट अकाउंट डेफिसिट) और बढ़ने की उम्मीद है। HSBC का अनुमान है कि भारत का करंट अकाउंट डेफिसिट पिछले साल के 0.6 फीसदी से बढ़कर इस वित्त वर्ष में GDP का 1.4 फीसदी हो जाएगा।
MUFG बैंक का कहना है कि फंडामेंटल्स रुपये में और कमजोरी की ओर इशारा कर रहे हैं, इससे पता चलता है कि RBI समय के साथ करेंसी को 90 के पार जाने दे सकता है।
90 का लेवल एक अहम साइकोलॉजिकल लेवल
कोटक सिक्योरिटीज के करेंसी,कमोडिटी और इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव्स के रिसर्च हेड, अनिंद्य बनर्जी का कहना है कि रुपए के लिए 90 का लेवल एक अहम साइकोलॉजिकल लेवल है। उम्मीद है कि जैसे-जैसे रुपया उस थ्रेशहोल्ड के पास पहुंचेगा, RBI दखल देना शुरू कर देगा। नीचे की तरफ इसके लिए सपोर्ट 88.80 से 89 के आसपास नजर आ रहा है। जब तक हम 88.80 से नीचे का लेवल नहीं छूते,टॉप कन्फर्म नहीं कर सकते। अगर डॉलर-रुपया पेयर 90 से ऊपर जाता है तो अगला लेवल 91.5 के आसपास होगा।"
आने वाले सेशन में रुपया 89.35–89.90 के बीच कर सकता है ट्रेड
LKP सिक्योरिटीज के कमोडिटी और करेंसी के VP रिसर्च एनालिस्ट, जतीन त्रिवेदी ने कहा, "US के साथ ट्रेड डील की अनिश्चितता से सेंटिमेंट कमजोर बना हुआ है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि बातचीत पॉजिटिव चल रही है, लेकिन रुपये को सही सपोर्ट पाने के लिए मार्केट को अब एक आखिरी और ठोस ट्रेड डील की ज़रूरत है। इसके अलावा, नवंबर में RBI की तरफ से कोई खास दखल न होने से रुपया बिना ज़्यादा रुकावट के कमजोर होता गया है। आने वाले सेशन में रुपया 89.35–89.90 के बीच कमजोर बना रहेगा।"
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