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घरेलू निवेशक शेयर बाजार में ला रहे हैं नई ऊर्जा, भारत जल्द होगा दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कैपिटल मार्केट: DIPAM सेक्रेटरी

Network18 Reforms Reloaded: बातचीत के दौरान अरुणीश चावला ने कहा कि हम घरेलू निवेशकों के साथ और अधिक वैल्यूएबल साझेदारी के साथ वापसी करेंगे। घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2024 का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 2025 में अब तक 5.3 लाख करोड़ रुपये के इक्विटी शेयर खरीदे हैं

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Sep 22, 2025 पर 3:11 PM
घरेलू निवेशक शेयर बाजार में ला रहे हैं नई ऊर्जा, भारत जल्द होगा दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कैपिटल मार्केट: DIPAM सेक्रेटरी
घरेलू संस्थागत निवेशक इक्विटी मार्केट में लगातार निवेश कर रहे हैं।

घरेलू निवेशक भारत के पूंजी बाजारों में नई ताजगी या यूं कहें कि नई ऊर्जा ला रहे हैं। यह बात दीपम (डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट) के सेक्रेटरी अरुणीश चावला ने नई दिल्ली में नेटवर्क18 रिफॉर्म्स रीलोडेड में कही। उन्होंने CNBC-TV18 की मैनेजिंग डायरेक्टर शीरीन भान के साथ बातचीत में अधिक लोकतांत्रीकरण और छोटे निवेशकों की बढ़ती भूमिका से जुड़े संरचनात्मक बदलाव पर रोशनी डाली।

बातचीत के दौरान चावला ने कहा कि हम घरेलू निवेशकों के साथ और अधिक वैल्यूएबल साझेदारी के साथ वापसी करेंगे। वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, बहुत जल्द हमारे पूंजी बाजार दुनिया के तीसरे सबसे बड़े बाजार बन जाएंगे।

PSUs की ओर से डिविडेंड पेमेंट में ₹1.2 लाख करोड़ को पार करना है लक्ष्य

दीपम सेक्रेटरी के मुताबिक, कैपिटल मार्केट्स में कंपनियों के कुल मार्केट कैप में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की हिस्सेदारी 14 प्रतिशत की है। लेकिन छोटे शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड में उनकी हिस्सेदारी 25 प्रतिशत की है। चावला ने कहा कि लक्ष्य सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की ओर से इस साल डिविडेंड पेमेंट में ₹1,20,000 करोड़ के आंकड़े को पार करना है। साथ ही वित्त वर्ष 2026 में एसेट मॉनेटाइजेशन के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ना है। पिछले 5 सालों में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की ओर से दिया जाने वाला डिविडेंड दोगुना हो गया है।

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