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IT stocks : विदेशी संस्थागत निवेशकों ने कमजोर आउटलुक के बावजूद दूसरी तिमाही में दिग्गज IT कंपनियों में बढ़ाया निवेश

IT stocks : लगातार दो तिमाहियों में हुई गिरावट के बाद इंफोसिस में एफआईआई की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी देखने को मिली। वहीं, दूसरी तरफ टीसीएस में लगातार 11 तिमाहियों की गिरावट के बाद एफआईआई की हिस्सेदारी में बढ़त हुई है। टेक महिंद्रा में भी लगातार 10 तिमाहियों की कटौती के बाद एफआईआई की हिस्सेदारी में बढ़त हुई है। वहीं, पिछली नौ में से सात तिमाहियों में एफआईआई ने विप्रो में अपनी हिस्सेदारी घटाई है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 26, 2023 पर 12:20 PM
IT stocks : विदेशी संस्थागत निवेशकों ने कमजोर आउटलुक के बावजूद दूसरी तिमाही में दिग्गज IT कंपनियों में बढ़ाया निवेश
IT stocks : एफआईआई ने टेक महिंद्रा और विप्रो में भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ा दी है। जिसके चलते इन कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी पिछली तिमाही के 25.69 फीसदी और फीसदी से बढ़कर 26.22 फीसदी और 6.47 फीसदी हो गई है

IT stocks : आगे प्रदर्शन में कमजोरी कायम रहने की संभावना के बावजूद विदेशी निवेशकों ने सितंबर 2023 तिमाही में इंफोसिस, टेक महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और विप्रो जैसी भारत की दिग्गज आईटी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई। बता दें की इसके पहले की तिमाही में निराशाजनक वातावरण के कारण विदेशी निवेशन भारतीय आईटी कंपनियों से बाहर निकलते दिखे थे। स्टॉक एक्सचेंजों पर उपलब्ध नवीनतम शेयरहोल्डिंग पैटर्न डेटा के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 (Q2 FY24)की दूसरी तिमाही में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने इंफोसिस में अपनी हिस्सेदारी पिछली तिमाही के 33.43 फीसदी से बढ़ाकर 33.59 फीसदी और TCS में 12.46 फीसदी से बढ़ाकर 12.47 फीसदी कर दी है।

इसके अलावा एफआईआई ने टेक महिंद्रा और विप्रो में भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ा दी है। जिसके चलते इन कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी पिछली तिमाही के 25.69 फीसदी और फीसदी से बढ़कर 26.22 फीसदी और 6.47 फीसदी हो गई है।

दो तिमाहियों में हुई गिरावट के बाद इंफोसिस में एफआईआई की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी

लगातार दो तिमाहियों में हुई गिरावट के बाद इंफोसिस में एफआईआई की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी देखने को मिली। वहीं, दूसरी तरफ टीसीएस में लगातार 11 तिमाहियों की गिरावट के बाद एफआईआई की हिस्सेदारी में बढ़त हुई है। टेक महिंद्रा में भी लगातार 10 तिमाहियों की कटौती के बाद एफआईआई की हिस्सेदारी में बढ़त हुई है। वहीं, पिछली नौ में से सात तिमाहियों में एफआईआई ने विप्रो में अपनी हिस्सेदारी घटाई है।

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