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SEBI की सख्ती से बचने के लिए एनालिस्ट्स के लाइसेंस किराए पर ले रहे Finfluencers

अनरजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स जिन्हे Finfluencers भी कहा जाता है अब रिसर्च एनालिस्ट्स (RA) का लाइसेंस किराया पर ले रहे हैं। इस मामले से जुड़े लोगों ने मनीकंट्रोल को यह बताया है। यह किराया उस फीस का 20 फीसदी है, जो वे स्टॉक टिप्स या ट्रेडिंग कॉल देने के एवज में इनवेस्टर्स से वसूलते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 02, 2023 पर 5:18 PM
SEBI की सख्ती से बचने के लिए एनालिस्ट्स के लाइसेंस किराए पर ले रहे Finfluencers
RA के साथ काम करने के लिए भी व्यक्ति का पोस्ट ग्रेजुएट होना जरूरी है या उसके पास प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन होना चाहिए। इसके अलावा उसके पास पांच साल का मार्केट का अनुभव भी होना चाहिए।

SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने हाल में कहा था कि मार्केट नियामक अनरजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स के खिलाफ सख्ती के लिए कड़े कानून बना रहा है। ऐसा लगता है कि आने वाले समय में मुश्किल को देखते हुए एनरजिस्टर्ड एडवायजर्स अभी से नियमों से बचने का आसान रास्ता निकालने की कोशिश में जुट गए हैं। बुच ने यह जानकारी मनीकंट्रोल के एक सवाल के जबाव में दी थी, जिसमें उनसे पूछा गया था कि मार्केट रेगुलेटर अनरजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवायजर्स पर लगाम लगाने के लिए क्या कदम उठा रहा है।

यह वजह बताई

अनरजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स जिन्हे Finfluencers भी कहा जाता है अब रिसर्च एनालिस्ट्स (RA) का लाइसेंस किराया पर ले रहे हैं। इस मामले से जुड़े लोगों ने मनीकंट्रोल को यह बताया है। यह किराया उस फीस का 20 फीसदी है, जो वे स्टॉक टिप्स या ट्रेडिंग कॉल देने के एवज में इनवेस्टर्स से वसूलते हैं। मनीकंट्रोल ने इस बारे में कुछ फिनफ्लूएंसर्स से बात की। उनका कहना था कि उन्हें ऐसा इसलिए करना पड़ रहा है, क्योंकि किसी न किसी कारण से उनके अप्लिकेशंस रिजेक्ट कर दिए जाते हैं। दरअसल रिसर्च एनालिस्ट्स को लाइसेंस जारी करने के नियम बहुत सख्त हैं।

ऐसे निकाला कानून से बचने का रास्ता

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