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शेयरों से रुठे विदेशी निवेशकों का दिल बॉन्ड्स पर आया, मार्च में किया 40,000 करोड़ रुपये का निवेश

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जहां स्टॉक मार्केट में मार्च में 20,252 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की है वही बॉन्ड्स में करीब 40,000 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। इस साल अब तक डेट में फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टमेंट करीब 50,927 करोड़ रुपये रहा है

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 01, 2025 पर 12:57 PM
शेयरों से रुठे विदेशी निवेशकों का दिल बॉन्ड्स पर आया, मार्च में किया 40,000 करोड़ रुपये का निवेश
बीते पांच फाइनेंशियल ईयर्स में इंडियन मार्केट्स में कुल विदेशी निवेश 54 अरब डॉलर रहा है। इसमें से 33 अरब डॉलर बॉन्ड्स में और 21 अरब डॉलर स्टॉक्स में हुआ।

इंडियन डेट मार्केट्स में विदेशी निवेशकों का निवेश रफ्तार पकड़ रहा है। मार्च में (25 तारीख तक) तक डेट मार्केट्स में शुद्ध निवेश 39,839 करोड़ रुपये रहा। इसके मुकाबले स्टॉक मार्केट्स में उन्होंने 20,250 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की। यह जानकारी एनएसडीएल के डेटा पर आधारित है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंडियन बॉन्ड्स में विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ने का बड़ा कारण जेपी मॉर्गन बॉन्ड इंडेक्स में इंडिया का शामिल होना है। इसके अलावा इस महीने के दूसरे हफ्ते में आरबीआई के इंटरेस्ट रेट घटाने की उम्मीद और इंडियन इकोनॉमी की अच्छी सेहत की वजह से फॉरेन इनवेस्टर्स इंडियन बॉन्ड्स में निवेश कर रहे हैं।

JP Morgan Index में इंडिया के शामिल होने से बढ़ा निवेश

DSP MF के फंड मैनेजर (फिक्स्ड इनकम) शांतनु गोडांबे ने कहा कि अभी इंडियन बॉन्ड्स में हो रहा ज्यादातर निवेश पैसिव है। इसकी वजह JP Morgan Index में इंडिया का शामिल होना है। उन्होंने कहा, "जेपी मॉर्नग बॉन्ड इंडेक्स में इनक्लूजन के बाद एफपीआई ने खरीदारी शुरू कर दी। हालांकि, बाद में उनकी खरीदारी थोड़ी सुस्त पड़ी।" दरअसल, अमेरिकी बॉन्ड्स की यील्ड बढ़ने के बाद इमर्जिंग मार्केट्स में बॉन्ड्स में बिकवाली देखने को मिली। जब अमेरिकी बॉन्ड्स की यील्ड बढ़ती है और इंडियन बॉनड्स की यील्ड स्थिर रहती है तो विदेशी इनवेस्टर्स ज्यादा रिटर्न के लिए इंडियन बॉन्ड्स से पैसे निकालकर अमेरिकी बॉन्ड्स में लगाना शुरू कर देते हैं।

इंडिया में बॉन्ड्स में फॉरेन इनवेस्टर्स ने किया है ज्यादा निवेश

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