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सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों में हिस्सा बेचने के लिए सरकार ने बढ़ाए कदम, फोकस में सरकारी बैंक

आज IOB, सेंट्रल बैंक, यूको बैंक, LIC और न्यू इंडिया एश्योरेंस जैसी कंपनियों पर फोकस बना हुआ है। इस बिक्री के लिए DIPAM ने RFP यानि रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल जारी किया है। सरकार की तरफ से चुनिंदा सरकारी बैंकों के OFSs के लिए बोलियां मंगाई गई हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 25, 2025 पर 9:43 AM
सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों में हिस्सा बेचने के लिए सरकार ने बढ़ाए कदम, फोकस में सरकारी बैंक
लीड मैनेजरों और मर्चेंट ब्रोकरों की नियुक्ति 3 साल के लिए होगी। न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी नियम पूरा करने के लिए हिस्सा बिकेगा

चुनिंदा सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों में हिस्सा बेचने के लिए सरकार ने कदम बढ़ाए हैं। DIPAM ने लीड मैनेजर्स,ब्रोकर्स और मर्चेंट बैंकर्स के लिए बोलियां मंगाई हैं। इस खबर के चलते आज IOB, सेंट्रल बैंक, यूको बैंक, LIC और न्यू इंडिया एश्योरेंस जैसी कंपनियों पर फोकस बना हुआ है। इस बिक्री के लिए DIPAM ने RFP यानि रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल जारी किया है। सरकार की तरफ से चुनिंदा सरकारी बैंकों के OFSs के लिए बोलियां मंगाई गई हैं।

इस मुद्दे पर ज्यादा डिटेल जानकारी देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के इकोनॉमिक पॉलिसी एडीटर लक्ष्मण राय ने बताया कि चुनिंदा सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों में हिस्सा बेचने के लिए विनिवेश विभाग ने एक विज्ञापन जारी किया है। इस विज्ञापन के जरिए लीड मैनेजरों और मर्चेंट ब्रोकरों की नियुक्ति के लिए प्रपोजल मंगाया गया है। सरकार इन लीड मैनेजरों और मर्चेंट ब्रोकरों के सहयोग से कई सारे सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों में समय-समय पर छोटी-छोटी हिस्सेदारी बेचेगी।

ये हिस्सेदारी कोई स्ट्रेटेजिक सेल न हो कर ऑफर फॉर सेल के जरिए होने वाली बिक्री होगी। न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी नियम पूरा करने के लिए ये हिस्सा बिकेगा। पहले भी तीन साल के लिए लीड मैनेजरों और मर्चेंट ब्रोकरों की नियुक्ति की गई थी। तीन साल की मियाद खत्म हो जाने पर फिर ये नियुक्तियां की जा रही हैं।

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