Get App

इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग में चीन के निवेश को लेकर सरकार अपनाएगी लचीला रवैया - सूत्र

अब भारतीय कंपनियां चीनी कंपनियों के साथ ज्वाइंट वेंचर करने लगी हैं। डिक्सन ने दो चाइनीज कंपनियों के साथ करार किया तो सोना कॉमस्टार ने Jinnaite Machinery के साथ करार किया है। हालांकि दोनों कंपनियों को अभी मंजूरी मिलना बाकी है। लेकिन जानकारों के मुताबिक व्यापार के लिए चीन को अलग नहीं रखा जा सकता

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 25, 2025 पर 3:10 PM
इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग में चीन के निवेश को लेकर सरकार अपनाएगी लचीला रवैया - सूत्र
डिक्सन ने दो चाइनीज कंपनियों के साथ करार किया तो सोना कॉमस्टार ने Jinnaite Machinery के साथ करार किया है

इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग में चीन के निवेश को लेकर सरकार लचीला रवैया अपनाने वाली है। सूत्रों के मुताबिक चीन की इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग में 60 फीसदी हिस्सेदारी है। ऐसे में उसे नदरंदाज करना संभव नहीं है। इस खबर पर ज्यादा डिटेल जानकारी देते हुए सीएनबीसी आवाज़ के असीम मनचंदा ने बताया कि चीन के निवेश पर सरकार लचीला रुख अपना रही है। सरकार ने डिक्सन को चीनी की कंपनी से JV करने को मंजूरी दे दी है। सूत्रों के मुताबिक बाकी JV प्रस्तावों पर भी सरकार जल्दी ही फैसला लेगी। रेयर अर्थ के लिए IT मंत्रालय ने MEA से बातचीत की है। सूत्रों के मुताबिक सरकार को इसका हल जल्द निकलने की उम्मीद है।

जरूरत को ध्यान में रखते हुए भारत ने चीन के साथ अपने संबंधों में नरमी दिखानी शुरू कर दी है। कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू होने के बाद अब चीन के पर्यटकों को वीजा भी दिए जा रहे हैं। इसके साथ ही कई भारतीय कंपनियां चीनी कंपनियों के साथ ज्वाइंट वेंचर कर रही हैं। कोरोना और गलवान तनाव के बाद पांच साल में पहली बार भारत ने चीन के साथ सीधी फ्लाइट शुरू करने की कोशिशें तेज की हैं और प्रधानमंत्री मोदी भी SCO समिट में शामिल हो सकते हैं। हालांकि व्यापारिक मंजूरी अभी पूरी नहीं हुई है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि चीन को व्यापार से अलग रखना मुश्किल होगा। चीन के साथ सीधी फ्लाइट शुरू करने की भी कोशिश तेज हो गई है।

भारत ने चीन से व्यापार में भी दूरियां बना ली थीं और जिन देशों के साथ बॉर्डर लगता है उन देशों की कंपनियों को निवेश करने के लिए मंजूरी लेनी होगी ऐसा नियम भी जारी किया था। लेकिन अब भारतीय कंपनियां चीनी कंपनियों के साथ ज्वाइंट वेंचर करने लगी हैं। डिक्सन ने दो चाइनीज कंपनियों के साथ करार किया तो सोना कॉमस्टार ने Jinnaite Machinery के साथ करार किया है। हालांकि दोनों कंपनियों को अभी मंजूरी मिलना बाकी है। लेकिन जानकारों के मुताबिक व्यापार के लिए चीन को अलग नहीं रखा जा सकता।

नीति आयोग ने चीनी कंपनियों के साथ 24 फीसदी तक JV की सिफारिश भी की है। अगर इसे मंजूरी मिलती है तो चीन और भारत के बीच फिर नए रिश्तों की शुरुआत हो सकती है।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें