राजनीति में स्थायी मित्र या स्थायी शत्रु नहीं होते, केवल स्थायी हित होते हैं, ऐसी कहावत है। यही नियम शेयर बाजार पर भी लागू होता है, जब यह 'खरीदने' और 'बेचने' की रेटिंग की बात आती है - वे तुरंत बदल सकते हैं। जोमैटो (Zomato) में भी कुछ ऐसा ही चल रहा है, क्योंकि वैश्विक निवेश बैंक जेफरीज स्टॉक पर सही से अपना मन नहीं बना पा रहा है। पिछले हफ्ते जेफरीज के क्रिस्टोफर वुड (Christopher Wood) ने जोमैटो को अपने दो लॉन्ग पोर्टफोलियो में शामिल किया। जिसमें प्रत्येक को 4 प्रतिशत का वेट दिया गया। यह मूव जेफरीज द्वारा अपने मॉडल इंडिया पोर्टफोलियो से स्टॉक को हटाने के कुछ महीने बाद आया है। दिलचस्प बात यह है कि मनी मैनेजर द्वारा स्टॉक की तारीफ किये जाने के कुछ महीनों के भीतर ही इसको पोर्टफोलियो से निकाल भी दिया।