Get App

हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट पर कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया, कहा- अदाणी घोटाले की पूर्ण जांच ही एकमात्र समाधान

Hindenburg Research New Allegations: कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘संसद को 12 अगस्त की शाम तक कार्यवाही के लिए अधिसूचित किया गया था। अचानक 9 अगस्त की दोपहर को ही इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। अब हमें पता है कि क्यों।’’ शिवसेना यूबीटी प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से पता चलता है कि इस मामले में सेबी प्रमुख की संलिप्तता है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Aug 11, 2024 पर 10:26 AM
हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट पर कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया, कहा- अदाणी घोटाले की पूर्ण जांच ही एकमात्र समाधान
हिंडनबर्ग ने नई रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि सेबी चेयरपर्सन माधबी बुच और उनके पति धवल बुच के पास कथित अदाणी फंड हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी।

Hindenburg Research New Report: अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी नई रिपोर्ट के जरिए एक बार फिर भारत में उथलपुथल क्रिएट कर दी है। व्हिसलब्लोअर डॉक्युमेंट्स के आधार पर इस रिपोर्ट में कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर कई आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों के मद्देनजर कांग्रेस ने केंद्र से अदाणी समूह की नियामकीय जांच में हितों के सभी टकरावों को खत्म करने के लिए तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है। विपक्षी दल ने यह भी कहा है कि देश के सर्वोच्च अधिकारियों की कथित मिलीभगत का समाधान, घोटाले की पूर्ण जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति गठित करके ही किया जा सकता है।

हिंडनबर्ग ने नई रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि सेबी चेयरपर्सन माधबी बुच और उनके पति धवल बुच के पास कथित अदाणी फंड हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। हिंडनबर्ग ने अदाणी पर अपनी पिछली रिपोर्ट के 18 महीने बाद एक ब्लॉगपोस्ट में आरोप लगाया है, “सेबी ने अदाणी के मॉरीशस और ऑफशोर शेल एंटिटीज के कथित अघोषित जाल में आश्चर्यजनक रूप से रुचि नहीं दिखाई है।” ऐसे आरोप हैं कि अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी के बड़े भाई विनोद अदाणी अस्पष्ट ऑफशोर बरमूडा और मॉरीशस फंडों को नियंत्रित करते थे। हिंडनबर्ग का आरोप है कि इन फंड का इस्तेमाल पैसे की हेराफेरी करने और समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमत बढ़ाने के लिए किया गया था।

क्या बोले जयराम रमेश

इस घटनाक्रम पर एक बयान में कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने बयान जारी कर कहा कि अदाणी मेगा घोटाले की जांच करने में सेबी की अजीब अनिच्छा को लंबे समय से देखा जा रहा है, खासकर सुप्रीम कोर्ट की विशेषज्ञ समिति द्वारा। उस समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि सेबी ने 2018 में विदेशी फंड के अल्टीमेट बेनि​फीशियल (यानि वास्तविक) ओनरशिप से संबंधित रिपोर्टिंग जरूरतों को कमजोर कर दिया था और 2019 में पूरी तरह से हटा दिया था। विशेषज्ञ समिति के अनुसार, "इसने उसके हाथ इस हद तक बांध दिए थे कि सेबी को गलत कामों का संदेह तो है, लेकिन साथ ही साथ संबंधित रेगुलेशंस में विभिन्न शर्तों का अनुपालन भी पाता है...यह विरोधाभास ही है जिसके कारण सेबी दुनिया भर में खाली हाथ रह गया है।"

सब समाचार

+ और भी पढ़ें