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Hindustan Zinc का क्यों किया जा रहा डीमर्जर, निवेशकों को क्या होगा फायदा? समझें पूरा प्लान

Hindustan Zinc Demerger: वेदांता ग्रुप (Vedanta Group) ने अपनी सोने की मुर्गी हिंदुस्तान जिंक (Hindustan Zinc) को रिस्ट्रक्चर (Corporate Restructure) करने का फैसला किया है। इस रिस्ट्रक्चर में होगा यह कि हिंदुस्तान जिंक कंपनी को तीन बिजेनसों में बांटा जाएगा और उन्हें तीन अलग-अलग नई कंपनी बना कर लिस्ट कराया जाएगा। यानी तीन नई कंपनियां बन जाएगी। ग्रुप को लगता है कि ऐसा करने से उसे बेहतर वैल्यू मिलेगी और उसके कर्ज का बोझ भी कम हो जाएगा

Curated By: Vikrant singhअपडेटेड Sep 29, 2023 पर 11:03 PM
Hindustan Zinc का क्यों किया जा रहा डीमर्जर, निवेशकों को क्या होगा फायदा? समझें पूरा प्लान
हिंदुस्तान जिंक की मौजूदा मार्केट वैल्यूएशन अभी 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपये है

Hindustan Zinc Demerger: वेदांता ग्रुप (Vedanta Group) ने अपनी सोने की मुर्गी हिंदुस्तान जिंक (Hindustan Zinc) को रिस्ट्रक्चर (Corporate Restructure) करने का फैसला किया है। इस रिस्ट्रक्चर में होगा यह कि हिंदुस्तान जिंक कंपनी को तीन बिजेनसों में बांटा जाएगा और उन्हें तीन अलग-अलग नई कंपनी बना कर लिस्ट कराया जाएगा। यानी तीन नई कंपनियां बन जाएगी। ग्रुप को लगता है कि ऐसा करने से उसे बेहतर वैल्यू मिलेगी और उसके कर्ज का बोझ भी कम हो जाएगा। जिन 3 बिजनेसों को अलग कर नई कंपनी बनाने का प्लान है, उसमें पहला बिजनेस है- जिंक और लेड, यानी जस्ता और सीसा। दूसरा बिजनेस है- सिल्वर और तीसरा है रिसाइकलिंग बिजनेस। हिंदुस्तान जिंक ने इन तीनों बिजनेसों को अलग करने और उसके मूल्यांकन के लिए एक डायरेक्टर्स की कमेटी भी बना दी है। लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में शेयरधारकों क्या फायदा होगा और हिंदुस्तान जिंक के लिए इस डीमर्जर के मायने क्या हैं, आइए इसे समझते हैं-

आम डीमर्जर से हटकर है हिंदुस्तान जिंक का डीमर्जर

आमतौर पर जब कोई कंपनी डीमर्जर (Demerger) करती है, तो वह पहले से अलग-अलग चल रहे बिजनेसों को एक अलग-अलग कंपनी बना देती है। जैसे कोई फार्मा कंपनी है और वह रियल एस्टेट बिजनेस भी कर रही है, तो वह अपने फार्मा और रियल एस्टेट को डीमर्ज कर देती है। लेकिन हिंदुस्तान जिंक का पूरा बिजनेस एक दूसरे में मिक्स यानी मिलाजुला है।

पहले वेदांता के डीमर्जर की थी अटकलें

अभी तक अटकलें थी कि वेदांता पहले अपने आयरन एंड स्टील, एल्यूमिनियम और ऑयल एंड गैस बिजनेस को अलग कर नई कंपनी बनाएगी। कंपनी ने ऐसे कई संकेत भी दिए थे। अगर ऐसा होता तो इन तीनों बिजनेसों को उनके फंडामेंटल, बैलेंस-शीट और कमोडिटी साइकिल के आधार पर अलग वैल्यूएशन दिया जाता है। और यह संभव था कि इन तीनों बिजनेसों की अलग-अलग वैल्यूएशन कुल मिलाकर वेदांता के मौजूदा वैल्यूएशन से अधिक हो जाती।

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