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बाजार में बुल्स की जोरदार वापसी, 50 से ज्यादा स्मॉलकैप शेयर 10-37% भागे, जानिए अगले हफ्ते कैसी रह सकती है चाल

अब बाजार की नजर पहली तिमाही के नतीजों पर रहेगी। निवेशकों के नजरिए से वित्त वर्ष 2023 के लिए कंपनियों के गाइडेंस काफी अहम होंगे

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 09, 2022 पर 12:34 PM
बाजार में बुल्स की जोरदार वापसी, 50 से ज्यादा स्मॉलकैप शेयर 10-37% भागे, जानिए अगले हफ्ते कैसी रह सकती है चाल
5paisa.com के रुचित जैन का कहना है कि निफ्टी मे शॉर्ट टर्म में तेजी जारी रहने की उम्मीद है और यह 16550 और 16650 की तरफ जाता नजर आ सकता है

08 जुलाई को खत्म हुए हफ्ते में बाजार एक बार फिर से अपनी खोई चमक हासिल करते हुए नजर आया और 3 फीसदी की बढ़त लेकर बंद होने में कामयाब रहा। पॉजिटिव ग्लोबल संकेत, अच्छा मानसून, एफआईआई की बिकवाली में आई कमी और कमोडिटी की कीमतों में गिरावट ने बाजार को सपोर्ट किया। जिसके चलते इस हफ्ते सेंसेक्स 1573.91 अंक यानी 2.97 फीसदी की बढ़त के साथ 54481.84 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, Nifty 468.55 अंक यानी 2.97 फीसदी की बढ़त के साथ 16220.6 के स्तर पर बंद हुआ। ब्रॉडर मार्केट पर नजर डालें तो बीएसई मिड, स्म़ॉलकैप और लॉर्जकैप तीनों ही करीब 3 फीसदी की बढ़त के साथ बंद होने में कामयाब रहे।

8 जुलाई को बीते हफ्ते में BSE के सभी सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए। BSE कंज्यूमर ड्यूरेबल इंडेक्स में 6.5 फीसदी की। BSE कैपिटल गुड्स इंडेक्स में 6 फीसदी, BSE FMCG में 5.4 फीसदी और BSE Realty में 5 फीसदी की तेजी देखने को मिली।

करीब 1 महीने बाद FIIs भारतीय बाजार में गुरुवार को पहली बार नेट बायर रहे। लेकिन इस हफ्ते नेट सेलर ही रहे। इस हफ्ते FIIs ने भारतीय इक्विटी मार्केट में 2218.38 करोड़ रुपए की बिकवाली की। वहीं, घरेलू निवेशकों ने 3910.33 करोड़ रुपए की खरीदारी की।

Geojit Financial services के विनोद नायर का कहना है कि बीते हफ्ते के दौरान घरेलू बाजार में कम हुई एफआईआई की बिकवाली और कमोडिटी की कीमतों में आई नरमी के चलते बाजार तेजी में नजर आया। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की वजह से महंगाई का डर थोड़ा कम हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि इस समय निवेशक बाजार में ग्रोथ की तुलना में वैल्यू स्टॉक को ज्यादा महत्व दे रहे हैं। जिसके चलते आईटी जैसे सेक्टर में बिकवाली देखने को मिली है। आगे हमें एफएमसीजी जैसे सेक्टर बेहतर प्रदर्शन करते नजर आ सकते हैं। इनको मजबूत कैश फ्लो, अच्छे गवर्नेंस, बेहतर डिविडेंड पॉलिसी और स्थिर अर्निंग ग्रोथ का फायदा मिलेगा। अब बाजार की नजर पहली तिमाही के नतीजों पर रहेगी। निवेशकों के नजरिए से वित्त वर्ष 2023 के लिए कंपनियों के गाइडेंस काफी अहम होंगे।

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