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स्मॉलकैप शेयरों में जोरदार रिकवरी से घरेलू निवेशकों की हुई चांदी, जानिए आगे कैसी रह सकती है इनकी चाल

निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में शामिल 100 शेयरों में 31 शेयर ऐसे हैं जिनमें रिटेल निवेशकों और म्यूचुअल फंडों दोनों की तरफ से खूब खरीदारी हुई है

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 12, 2022 पर 3:32 PM
स्मॉलकैप शेयरों में जोरदार रिकवरी से घरेलू निवेशकों की हुई चांदी, जानिए आगे कैसी रह सकती है इनकी चाल
AceEquity के आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2022 की पहली छमाही में घरेलू रिटेल निवेशकों ने स्मॉलकैप स्पेस में जोरदार खरीदारी की है

2022 की पहली छमाही में घरेलू बाजार में आई गिरावट से निवेशकों के उत्साह पर बहुत ज्यादा असर नही पड़ा और घरेलू इकोनॉमी और बाजार को लेकर उनका विश्वास कायम रहा। बाजार में कमजोरी के बाजवूद 2022 के पहली छमाही में रिटेल निवेशकों और म्यूचुअल फंडों दोनों की तरफ से स्मॉलकैप शेयरों में सबसे ज्यादा बॉटम फिशिंग देखने को मिली।

गौरलतब है कि स्मॉलकैप शेयरों को ज्यादा जोखिम वाला माना जाता है। आम तौर में इनमें लिक्विडिटी की कमी होती है। स्मॉलकैप शेयरों में प्राइस मैन्यूपुलेशन की संभावना भी ज्यादा रहती है। इसके बावजूद कैलेंडर ईयर 2022 की पहली छमाही में स्मॉलकैप शेयरों में हुई जोरदार खरीदारी इस बात का संकेत है कि निवेशकों का विश्वास बाजार और देश की इकोनॉमी पर कायम है।

जनवरी में रिकॉर्ड हाई हिट करने के बाद निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 30 फीसदी टूटा है। दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों की तरफ से मॉनिटरी पॉलिसी में आ रही सख्ती और लिक्विडिटी घटाने के लिए हो रही कोशिशों के चलते स्मॉलकैप शेयरों के वैल्यूएशन में गिरावट देखने को मिली है। ध्यान देने की बात यह है कि भारत के स्मॉलकैप शेयरों में आई गिरावट दुनिया के दूसरे बड़े देशों में इस स्पेस में आई गिरावट के अनुरूप रही है। अब इनमें आने वाला उछाल भी कुछ वैसा ही है जैसा की दूसरे ग्लोबल बाजारों में देखने को मिल रहा है।

मार्केट एनालिस्ट का कहना है कि साल की पहली छमाही में स्मॉलकैप स्पेस में आई गिरावट के चलते घरेलू निवेशकों को सस्ते में क्वालिटी शेयर खरीदने के मौके मिले। SageOne Investment Managers के सामी वर्तक (Sami Vartak) का कहना है कि वर्तमान में भारत में कॉर्पोरेट सेक्टर और देश की मैक्रो कंडीशन तुलनात्मक रूप से सबसे बेहतर स्थिति में है।

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