Get App

भारतीय शेयर बाजारों को अर्निंग्स में दिखी “उम्मीद”, जंग और वॉलेटिलिटी के बीच बड़ी राहत

बैंकों और कमोडिटीज जैसे प्रमुख सेक्टरों के सहारे निफ्टी50 (Nifty 50) की कंपनियों की प्रति शेयर अर्निंग्स (EPS) अनुमान बढ़ गया है, जो चौथी तिमाही में EPS 5.8 फीसदी बढ़ सकता है। 30 स्टॉक्स वाले बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) के लिए EPS टारगेट 4.55 फीसदी तक बढ़ गया है

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 01, 2022 पर 3:50 PM
भारतीय शेयर बाजारों को अर्निंग्स में दिखी “उम्मीद”, जंग और वॉलेटिलिटी के बीच बड़ी राहत
वित्त वर्ष 22 की चौथी तिमाही में वैश्विक स्तर पर इक्विटी मार्केट्स को प्रभावित करने वाली तमाम घटनाएं हुईं। इनमें युद्ध का आगाज, कमोडिटीज की कीमतों में उछाल और केंद्रीय बैंकों की नरम नीतियों का दौर समाप्त होना शामिल है

वित्त वर्ष 22 की चौथी तिमाही में वैश्विक स्तर पर इक्विटी मार्केट्स को प्रभावित करने वाली तमाम घटनाएं हुईं। इनमें युद्ध का आगाज, कमोडिटीज की कीमतों में उछाल और केंद्रीय बैंकों की नरम नीतियों का दौर समाप्त होना शामिल है।

वास्तव में इस तिमाही में वॉलेटिलिटी इंडेक्स इंडिया विक्स (India VIX) बढ़कर 28 तक पहुंच गया, वहीं बेंचमार्क निफ्टी50 (Nifty 50) काफी हद तक फ्लैट रहा है।

हालांकि बाजार में अनोखी बातें भी हुई हैं। दरअसल, बैंकों और कमोडिटीज जैसे प्रमुख सेक्टरों के सहारे निफ्टी50 (Nifty 50) की कंपनियों की प्रति शेयर अर्निंग्स (EPS) के अनुमान में इजाफा हुआ है। ब्लूमबर्ग के डाटा से पता चलता है कि चौथी तिमाही में EPS 5.8 फीसदी बढ़ने का अनुमान है। 30 स्टॉक्स वाले बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) के लिए EPS टारगेट 4.55 फीसदी तक बढ़ गया है।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें