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Devuthani Ekadashi 2025: देवउठनी एकादशी पर भद्रा के साथ लगेगा पंचक, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और भद्रा का समय

Devuthani Ekadashi 2025: चार माह की योगनिद्रा के बाद भगवान विष्णु कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जागते हैं। इसी दिन को देवउठनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इस दिन का बहुत महत्व है। लेकिन इस साल देवउठनी एकादशी पर भद्रा के साथ पंचक भी लग रहा है।

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 13, 2025 पर 11:21 PM
Devuthani Ekadashi 2025: देवउठनी एकादशी पर भद्रा के साथ लगेगा पंचक, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और भद्रा का समय
पंचांग के अनुसार, इस बार देवउठनी एकादशी पर भद्रा और पंचक का साया रहेगा।

Devuthani Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में देव उठनी एकादशी का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं और इसके बाद संसार का कामकाज फिर से संभालते हैं। इस दिन के बाद से विवाह, गृह प्रवेश और मुंडन आदि मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। देवउठनी एकादशी कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा और व्रत करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही जीवन सुखमय होता है।

एकादशी तिथि का हिंदू धर्म में बहुत महत्व होता है। हिंदू कैलेंडर में एक साल में 24 एकादशी तिथियां आती हैं और हर एकादशी का अलग नाम और विशेषता होती है। पंचांग के अनुसार, इस बार देवउठनी एकादशी पर भद्रा और पंचक का साया रहेगा। हिंदू धर्म में भद्रा और पंचक को शुभ व कार्यों के लिए उपयुक्त नहीं माना गया है। आइए जानें दवउठनी एकादशी व्रत की सही तारीख, भद्रा और पंचक काल का समय और व्रत पारण का समय

01 नवंबर को रखा जाएगा देवउठनी एकादशी व्रत

पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 01 नवंबर को सुबह 09.11 बजे शुरू होगी और 02 नवंबर को सुबह 07.31 बजे तक रहेगी। देवउठनी एकादशी व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा।

भद्रा और पंचक का समय

इस साल देवउठनी एकादशी के दिन भद्रा काल और पंचक योग बन रहा है। इस दिन पंचक जहां पूरे दिन रहेगा, वहीं भद्राकाल रात 08.27 बजे से अगले दिन सुबह 06.34 बजे तक रहेगा।

पूजा का शुभ मुहूर्त

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