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Pharma Stocks: फार्मा शेयरों को कितना नुकसान पहुंचा सकते हैं डोनाल्ड ट्रंप?

Pharma Stocks: भारतीय फार्मा कंपनियों के शेयरों में आज तेज गिरावट आई। अमेरिकी के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सेमीकंडक्टर और ऑटो के साथ फार्मा पर भी 25% टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। इस खबर के चलते निफ्टी फार्मा इंडेक्स में बड़ी गिरावट आई और कई दिग्गज कंपनियों के शेयरों ने 10% तक का गोता लगाया। आखिर ट्रंप के इस बयान का भारतीय फार्मा कंपनियों पर क्या असर होगा?

Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Feb 19, 2025 पर 6:36 PM
Pharma Stocks: फार्मा शेयरों को कितना नुकसान पहुंचा सकते हैं डोनाल्ड ट्रंप?
Pharma Stocks: निफ्टी फार्मा इंडेक्स में इस साल अबतक करीब 11 फीसदी की गिरावट आ चुकी है

Pharma Stocks: भारतीय फार्मा कंपनियों के शेयरों में आज तेज गिरावट आई। अमेरिकी के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सेमीकंडक्टर और ऑटो के साथ फार्मा पर भी 25% टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। इस खबर के चलते निफ्टी फार्मा इंडेक्स में बड़ी गिरावट आई और कई दिग्गज कंपनियों के शेयरों ने 10% तक का गोता लगाया। आखिर ट्रंप के इस बयान का भारतीय फार्मा कंपनियों पर क्या असर होगा? उनके मुनाफे पर कितना असर पड़ सकता है और और निवेशकों को आगे क्या रणनीति अपनानी चाहिए? चलिए, विस्तार से जानते हैं!

अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा फार्मा मार्केट हैं। ट्रंप ने चेतवानी दी है कि वह अपने यहां आने वाले फार्मा उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाएंगे। ट्रंप ने कहा कि "यह 25 प्रतिशत या उससे अधिक होगा और एक साल में इसमें और भी इजाफा किया जाएगा।" ट्रंप के इस एक बयान से आज फार्मा कंपनियों के शेयर बिखर गए और उनमें भारी बिकवाली देखने को मिली।

Aurobindo Pharma का शेयर कारोबार के दौरान 10% तक गिरकर अपने 52-वीक लो के करीब पहुंच गया, हालांकि बाद में इसमें थोड़ा रिकवरी हुई। Cipla और Lupin में क्रमशः 1% और 2.5% की गिरावट देखने को मिली। Ajanta Pharma 3% तक नीचे गया था, जबकि Zydus Lifesciences में 4% तक की गिरावट देखी गई। Dr Reddy’s और Sun Pharma के शेयर भी कारोबार के दौरान 2% तक टूट गए थे।

लेकिन कुछ फार्मा स्टाक्स इस गिरावट से अछूते रहे। Divi’s Laboratories और Torrent Pharma में करीब 2% तक की तेजी देखने को मिली। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ग्लोबल ब्रोकरेज मैक्वेयरी ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में कहा कि CRDMO (Contract Research & Development Manufacturing Organization) सेगमेंट में तेजी और नियामकीय सपोर्ट मिलने से इन कंपनियों को फायदा हो सकता है।

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