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Lok Sabha Election अहम, मार्केट में लॉन्गटर्म रखें विजन, एक्सपर्ट ने बताया चुनाव में बेहतर पोर्टफोलियो बनाने का तरीका

भारतीय रिटेल सेक्टर, विशेष रूप से टियर 2, टियर 3 और टियर 4 शहरों में, बढ़ते उपभोक्ता खर्च और बढ़ती प्रयोज्य इनकम के जरिए समर्थित आर्थिक विकास को आगे बढ़ा रहा है डीमैट खाताधारकों की संख्या में बढ़ोतरी शेयर बाजार में बढ़ती रिटेल भागीदारी को दर्शाती है, जो वित्तीय समावेशन और निवेश साक्षरता की दिशा में व्यापक रुझान का संकेत है

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 29, 2024 पर 10:05 PM
Lok Sabha Election अहम, मार्केट में लॉन्गटर्म रखें विजन, एक्सपर्ट ने बताया चुनाव में बेहतर पोर्टफोलियो बनाने का तरीका
भारत में आम चुनाव राजनीतिक परिदृश्य के लिए काफी अहम है।

देश में लोकसभा चुनाव का माहौल बना हुआ है। वहीं दो चरणों के लिए मतदान किया जा चुका है। लोकसभा चुनाव पर देश और दुनिया के निवेशकों का भी काफी ध्यान है। वहीं शेयर मार्केट में भी काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। हालांकि मार्केट अपने हाई के करीब बना हुआ है, ऐसे में लोकसभा चुनाव के दौरान लोग अपने पोर्टफोलियो को लेकर भी काफी सतर्क हैं, जिसके बाद एक सवाल ये भी उठता है कि आखिर लोकसभा चुनाव के दौरान अपने पोर्टफोलियो में बदलाव कैसे करें, इसको लेकर एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज के डायरेक्टर और सीईओ अजय गर्ग ने अहम जानकारी दी है। आइए जानते हैं इसके बारे में...

पॉलिसी जारी रहने की उम्मीद

अजय गर्ग ने कहा कि आम तौर पर भारत में आम चुनाव राजनीतिक परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण महत्व रखते हैं। हालांकि इस बार आशा है कि केंद्र में मोदी सरकार (Modi Government) 5 साल का एक और कार्यकाल बिताएगी, जिसका अर्थ है आर्थिक नीतियों और एजेंडा को जारी रखा जाएगा। वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की बढ़ती उपस्थिति को देखते हुए,यह उम्मीद की जा सकती है कि पीएम मोदी के संभावित तीसरे कार्यकाल के दौरान डिजिटलीकरण की दिशा में और प्रगति और विनिर्माण/निर्यात की दिशा में नीति जारी रहने की उम्मीद की जा सकती है। यह इस बात से स्पष्ट है कि मोदी 1.0 और मोदी 2.0 के बीच निरंतरता थी। इसी तरह मोदी 2.0 और मोदी 3.0 के बीच भी निरंतरता बनी रहेगी।

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