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IEX अब F&O की बैन लिस्ट में, जानिए क्या है इसका मतलब, एक्सपर्ट ने दी यह सलाह

IEX Share Price: बिजली की खरीद-बिक्री वाले प्लेटफॉर्म इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (IEX) को आज फ्यूचर एंड ऑप्शन्स की प्रतिबंधित सूची में शामिल कर दिया गया है। इससे पहले शुक्रवार को यह 10 फीसदी से ज्यादा टूटा था और गुरुवार को इसमें 8 फीसदी की गिरावट आई थी। इसके बाद अब आज से यह F&O बैन लिस्ट में आ गया। जानिए क्या है इसका मतलब

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Jun 12, 2023 पर 4:25 PM
IEX अब F&O की बैन लिस्ट में, जानिए क्या है इसका मतलब, एक्सपर्ट ने दी यह सलाह
पावर मिनिस्ट्री ने सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (CERC) को चरणबद्ध तरीके से मार्केट कपलिंग यानी तीनों पावर एक्सचेंजों पर पावर टैरिफ एक लेवल पर लाने का आदेश दिया था और इसका सर्कुलर 2 जून को जारी हुआ था। (File Photo- Pixabay)

IEX Share Price: बिजली की खरीद-बिक्री वाले प्लेटफॉर्म इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (IEX) को आज फ्यूचर एंड ऑप्शन्स की प्रतिबंधित सूची में शामिल कर दिया गया है। इससे पहले शुक्रवार को यह 10 फीसदी से ज्यादा टूटा था और गुरुवार को इसमें 8 फीसदी की गिरावट आई थी। इसके शेयरों में यह गिरावट उस समय शुरू हुई, जब पावर मिनिस्ट्री के आदेश पर कुछ एनालिस्ट्स ने गुरुवार को संज्ञान लिया। पावर मिनिस्ट्री ने सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (CERC) को चरणबद्ध तरीके से मार्केट कपलिंग यानी तीनों पावर एक्सचेंजों पर पावर टैरिफ एक लेवल पर लाने का आदेश दिया था और इसका सर्कुलर 2 जून को जारी हुआ था।

इसका सबसे अधिक झटका आईईएक्स को लगा क्योंकि इलेक्ट्रिसिटी मार्केट में इसकी 90 फीसदी हिस्सेदारी है। अब इसे F&O की प्रतिबंधित सूची में डाल दिया गया है। शेयरों की बात करें तो बीएसई पर आज यह 0.82 फीसदी की मजबूती के साथ 123.60 रुपये पर बंद हुआ है।

IEX को F&O की बैन सूची में डालने का क्या है मतलब

जब कोई शेयर फ्यूचर-ऑप्शन्स मार्केट में ट्रेड होता है तो इसमें मार्केट-वाइड पोजिशन लिमिट (MWPL) के रूप में ट्रेडिंग लिमिट तय होती है। इससे किसी भी समय में कांट्रैक्ट्स की अधिकतम संख्या तय होती है। ये कांट्रैक्ट्स सभी बाय और सेल पोजिशन्स की टोटल संख्या है। अब अगर किसी स्टॉक के लिए एमडब्ल्यूपीएल 95 फीसदी के पार पहुंच जाता है तो इसे F&O की प्रतिबंधित सूची में डाल दिया जाता है ताकि इसमें ढेर सारी स्पेक्यूलेटिव इंट्रा-डे ट्रेडिंग न हो सके।

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