IT Stocks: भारतीय आईटी कंपनियों के शेयरों में आज 14 नवंबर को तगड़ी गिरावट देखने को मिली। निफ्टी IT इंडेक्स शुरुआती कारोबार में 1% से ज्यादा टूटकर 36,294 के स्तर पर आ गया। यह इंडेक्स लगातार दूसरे दिन सभी सेक्टोरल इंडेक्स में टॉप लूजर्स बना हुआ है। आईटी कंपनियों के शेयरों में गिरावट की मुख्य वजह अमेरिकी सेंट्रल बैंक के अधिकारियों के बयान है, जिससे दिसंबर महीने के दौरान ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कम हो गई है।
क्यों गिर रहे हैं IT शेयर?
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के कई शीर्ष अधिकारियों ने अपने बयानों में संकेत दिया है कि दिसंबर की बैठक के दौरान ब्याज दरों में कटौती की संभावना बेहद कम है। सैन फ्रांसिस्को फेड के चेयरमैन मैरी डेली ने कहा कि अभी ब्याज दरों पर कोई फैसला लेना "बहुत जल्दबाजी" है।
IT कंपनियों पर क्यों दिखा इसका असर?
भारतीय IT कंपनियों की कमाई के लिए अमेरिका बड़ा बाजार है। कई बड़ी आईटी कंपनियों का कमाई का आधा से लेकर दो तिहाई हिस्सा तक अमेरिका से ही आता है। ब्याज दरों में कटौती से कंपनियों का खर्च बढ़ता है, जो IT सेक्टर के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन अब जब कटौती की उम्मीद कम हो रही है, क्लाइंट स्पेंडिंग पर दबाव का डर बढ़ रहा है। इसके चलते, भारतीय IT शेयरों ने वॉल स्ट्रीट के IT शेयरों के साथ-साथ दबाव में कारोबार किया।
इन शेयरों में दिखी सबसे बड़ी गिरावट
इंफोसिस (Infosys), टेक महिंद्रा और विप्रो के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली। इंफोसिस के शेयर 2 प्रतिशत से अधिक गिरकर 1,510.10 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे थे। एम्फैसिस (Mphasis) के शेयर लगभग 2 प्रतिशत नीचे थे, जबकि कोफोर्ज (Coforge) के शेयर 1 प्रतिशत से अधिक गिर गए थे।
टेक महिंद्रा और विप्रो के शेयर लगभग 1 प्रतिशत गिर गए, जबकि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), पर्सिस्टेंट सिस्टम्स, एचसीएल टेक और LTI माइंडट्री के शेयर मामूली गिरावट के साथ लाल निशान पर कारोबार कर रहे थे।
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