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Jane Street के न होने से F&O वॉल्यूम पर पड़ेगा असर? क्या संकेत दे रहा है NSE का फरवरी का डेटा

कई लोगों की यह चिंता है कि Jane Street पर SEBI के बैन से हो सकता है कि भारतीय पूंजी बाजार में डेरिवेटिव कारोबार यानि कि F&O ट्रेडिंग वॉल्यूम पर बड़े पैमाने पर निगेटिव असर हो। जेन स्ट्रीट जैसी प्रोप ट्रेडिंग फर्म्स, ऑप्शन ट्रेडिंग वॉल्यूम में लगभग 50% हिस्सा रखती हैं

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Jul 07, 2025 पर 5:15 PM
Jane Street के न होने से F&O वॉल्यूम पर पड़ेगा असर? क्या संकेत दे रहा है NSE का फरवरी का डेटा
इस साल फरवरी में NSE ने जेन स्ट्रीट को चेतावनी दी थी कि उसके ट्रेड धोखाधड़ी और हेरफेर वाले लग रहे हैं।

अमेरिका बेस्ड ग्लोबल प्रॉपराइटरी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट अभी भी सुर्खियों में बनी हुई है। इस फर्म पर इंडेक्स ऑप्शंस में भारी मुनाफा कमाने के लिए एक्सपायरी डेज में इंडेक्स लेवल में कथित रूप से हेरफेर करने का आरोप है। इसे लेकर कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI ने इसे भारतीय बाजारों से बैन कर दिया है, साथ ही गैरकानूनी तरीके से कमाए गए 4,843 करोड़ रुपये के मुनाफे को वापस करने का निर्देश दिया है।

कई लोगों की यह चिंता है कि जेन स्ट्रीट पर बैन से हो सकता है कि भारतीय पूंजी बाजार में डेरिवेटिव कारोबार यानि कि F&O ट्रेडिंग वॉल्यूम पर बड़े पैमाने पर निगेटिव असर हो। लेकिन फरवरी का डेटा तो कुछ और ही कह रहा है।

क्या है यह फरवरी कनेक्शन

इस साल फरवरी में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने जेन स्ट्रीट को एक चेतावनी दी थी। उसमें कहा गया था कि उसके ट्रेड धोखाधड़ी और हेरफेर वाले लग रहे हैं। लेकिन एक रेगुलेटरी सोर्स का कहना है कि उस वक्त तो जेन स्ट्रीट ने 2-3 सप्ताह के लिए ट्रेडिंग लगभग पूरी तरह से बंद कर रखी थी। डेटा दर्शाता है कि जब जेन स्ट्रीट ने ट्रेडिंग को अस्थायी रूप से रोका था तो इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट में वॉल्यूम पर कोई रियल असर नहीं हुआ।

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