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सरकार ने बेचा, LIC ने खरीद ली इस डिफेंस कंपनी में 3% से अधिक हिस्सेदारी, आपके पोर्टफोलियो में है?

LIC Big Shopping: देश की सबसे बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी ने एक सरकारी डिफेंस कंपनी में बड़ी हिस्सेदारी खरीदी है। खास बात ये है कि एलआईसी ने ये शेयर सरकार से खरीदे हैं। सरकारी डिफेंस कंपनी के जून तिमाही के जून तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न से इसका खुलास हुआ है। चेक करें कि क्या यह स्टॉक आपके पोर्टफोलियो में है?

Edited By: Jeevan Deep Vishawakarmaअपडेटेड Jul 21, 2025 पर 7:52 AM
सरकार ने बेचा, LIC ने खरीद ली इस डिफेंस कंपनी में 3% से अधिक हिस्सेदारी, आपके पोर्टफोलियो में है?
देश की सबसे बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी LIC ने डिफेंस इक्विपमेंट बनाने वाली सरकारी कंपनी मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (Mazagon Dock Shipbuilders) पर दांव लगाया है।

LIC Big Shopping: जून तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न से खुलासा हुआ कि एलआईसी के पोर्टफोलियो में एक और स्टॉक की एंट्री हुई है। देश की सबसे बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी ने डिफेंस इक्विपमेंट बनाने वाली सरकारी कंपनी मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (Mazagon Dock Shipbuilders) पर दांव लगाया है। मझगांव डॉक के शिपबिल्डर्स के शेयरहोल्डिंग पैटर्न से इसका खुलासा हुआ है। बीएसई पर मौजूद जून तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के मुताबिक एलआईसी के पास अब कंपनी की 3.27% इक्विटी हिस्सेदारी है। इससे पहले एलआईसी का नाम शेयरहोल्डिंग पैटर्न में नहीं दिखता था यानी कि इसके पास या तो मझगांव डॉक के शेयर नहीं थे या 1% से कम होल्डिंग थी।

Mazagon Dock Shipbuilders में अब सरकार की कितनी हिस्सेदारी?

एलआईसी के पास मझगांव डॉक में 3.27% इक्विटी हिस्सेदारी है। वहीं जून तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के हिसाब से सरकार की हिस्सेदारी 84.8% से घटकर 81.2% पर आ गई यानी कि सरकार ने 3.6% हिस्सेदारी हल्की की है। अभी भी सरकार की हिस्सेदारी 75% के मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग नियम से 6.2% अधिक है यानी कि सरकार को अभी 6.2% इक्विटी होल्डिंग हल्की करनी होगी।

बाकी शेयरहोल्डर्स की बात करें तो म्यूचुअल फंड्स की हिस्सेदारी 1.34% पर बनी हुई है। वहीं ₹2 लाख तक के निवेश वाले यानी खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी 9.34% पर बनी हुई है लेकिन रिटेल शेयरहोल्डर्स की संख्या 6.58 लाख से बढ़कर 7 लाख पर पहुंच गई। बता दें कि सरकार ने ऑफर फॉर सेल इश्यू जो पेश किया था, उसमें खुदरा निवेशकों की खास दिलचस्पी नहीं दिखी थी। विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 2.26% से हल्की-सी बढ़कर 2.49% पर पहुंच गई।

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