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Market outlook : बजट के दिन बाजार में उतार-चढ़ाव, जानिए 3 फरवरी को कैसी रह सकती है इसकी चाल

Market today : बजट सत्र के दौरान निफ्टी में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। डेली चार्ट पर एक स्मॉल कैंडल बनी है जो अनिर्णय की स्थिति का संकेत देती है। निफ्टी को 23,280 पर सपोर्ट मिला है और जब तक यह इस स्तर से ऊपर बना रहता है,तब तक रुझान सकारात्मक बना रह सकता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 01, 2025 पर 4:36 PM
Market outlook : बजट के दिन बाजार में उतार-चढ़ाव, जानिए 3 फरवरी को कैसी रह सकती है इसकी चाल
केंद्रीय बजट के लिए हुए विशेष ट्रेडिंग सत्र के दौरान बाजार में उतार-चढ़ाव दिखा और हाल ही में आई तेजी के बाद विराम लेते हुए बाजार लगभग सपाट बंद हुआ

Stock market : 1 फरवरी (बजट दिवस) को उतार-चढ़ाव भरे सत्र में भारतीय इक्विटी इंडेक्स सपाट बंद हुए। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 5.39 अंक या 0.01 फीसदी बढ़कर 77,505.96 पर और निफ्टी 26.25 अंक या 0.11 फीसदी गिरकर 23,482.15 पर बंद हुआ। आज लगभग 2001 शेयरों में तेजी आई, 1752 शेयरों में गिरावट आई और 121 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। एलएंडटी, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, पावर ग्रिड कॉर्प, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, सिप्ला निफ्टी पर सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयरों में शामिल रहे। जबकि ट्रेंट, मारुति सुजुकी, टाटा कंज्यूमर, आयशर मोटर्स, बजाज ऑटो में बढ़त दर्ज की गई।

सेक्टरों में, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स इंडेक्स में 3 प्रतिशत की तेजी आई, रियल्टी इंडेक्स में 3.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, ऑटो इंडेक्स में 1.9 प्रतिशत की उछाल आई, मीडिया इंडेक्स में 2 प्रतिशत की तेजी आई और एफएमसीजी इंडेक्स में 3 प्रतिशत की तेजी आई। दूसरी ओर कैपिटल गुड्स, पावर, पीएसयू इंडेक्स में 2-3 प्रतिशत और मेटल, आईटी और एनर्जी में 1-2 फीसदी की गिरावट आई। बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 0.5 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक में 0.3 प्रतिशत की बढ़त हुई।

एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक रूपक डे का कहना है कि बजट सत्र के दौरान निफ्टी में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। डेली चार्ट पर एक स्मॉल कैंडल बनी है जो अनिर्णय की स्थिति का संकेत देती है। निफ्टी को 23,280 पर सपोर्ट मिला है और जब तक यह इस स्तर से ऊपर बना रहता है,तब तक रुझान सकारात्मक बना रह सकता है।

मिरे एसेट कैपिटल मार्केट्स के मनीष जैन ने कहा कि डायरेक्ट टैक्स को युक्तिसंगत बनाने के साथ, यह देखने की जरूरत है कि सरकार कैपेक्स टारगेट किस प्रकार तय करती है। कुल मिलाकर, एफएमसीजी, कंजम्प्शन, रिटेल, रियल्टी, ऑटो और नए युग की कंपनियों के लिए बजट पॉजिटिव है। बैंकिंग के लिए उतना अच्छा नहीं है। कुल उधारी में बढ़त बैंकों के लिए निगेटिव है क्योंकि इससे यील्ड बढ़ सकती है जो ट्रेजरी इनकम को प्रभावित कर सकती है।

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