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Market outlook : 23600 के नीचे बंद हुआ निफ्टी, जानिए 23 दिसंबर को कैसी रह सकती है बाजार की चाल

Share markets: निफ्टी में सबसे ज्यादा गिरावट वाले शेयरों में ट्रेंट,टेक महिंद्रा, एमएंडएम, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक शामिल रहे। जबकि डॉ रेड्डीज लैब्स, नेस्ले इंडिया, एचडीएफसी लाइफ, आईसीआईसीआई बैंक बढ़त पर बंद हुए हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 20, 2024 पर 4:35 PM
Market outlook : 23600 के नीचे बंद हुआ निफ्टी, जानिए 23 दिसंबर को कैसी रह सकती है बाजार की चाल
Market Outlook : मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि फरवरी में भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति बैठक से पहले हल्की रिकवरी देखने को मिल सकती है। लेकिन बाजार का ओवरऑल नजरिया सतर्कता का है

Stock market: 20 दिसंबर को सभी सेक्टरों में आई बिकवाली के बीच भारतीय इक्विटी इंडेक्स कमजोर रुख के साथ बंद हुए और निफ्टी 23,600 से नीचे फिसल गया। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 1,176.46 अंक या 1.49 फीसदी की गिरावट के साथ 78,041.59 पर और निफ्टी 364.2 अंक या 1.52 फीसदी की गिरावट के साथ 23,587.50 पर बंद हुआ आज। लगभग 963 शेयरों में तेजी आई, 2859 शेयरों में गिरावट आई और 95 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।

निफ्टी में सबसे ज्यादा गिरावट वाले शेयरों में ट्रेंट,टेक महिंद्रा, एमएंडएम, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक शामिल रहे। जबकि डॉ रेड्डीज लैब्स, नेस्ले इंडिया, एचडीएफसी लाइफ, आईसीआईसीआई बैंक बढ़त पर बंद हुए हैं। आज सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए। रियल्टी इंडेक्स में 4 फीसदी की गिरावट आई, ऑटो, आईटी, कैपिटल गुड्स, मेटल, टेलीकॉम, पीएसयू बैंक में 2-2 फीसदी की गिरावट आई। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्सों में 2 फीसदी से अधिक की गिरावट आई।

Market This Week: साप्ताहिक आधार पर देखें तो बाजार में आज 20 दिसंबर को 2 साल की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट दर्ज की गई है। इस हफ़्ते निफ्टी बैंक में 5 फीसदी और मिडकैप इंडेक्स में लगभग 4 फीसदी की गिरावट आई है। इस हफ़्ते बीएसई में लिस्टेड कंपनियों ने 19 लाख करोड़ रुपये का मार्केट कैप खो दिया है। फार्मा को छोड़कर सभी सेक्टोर इंडेक्सों में गिरावट आई है। पीएसयू बैंक,पीएसयू और मेटल में सबसे ज़्यादा गिरावट वाले सेक्टर रहे हैं। इनमें 6 फीसदी की गिरावट आई है।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार का कहना है कि 10 ईयर यूएस बॉन्ड यील्ड के 4.52 फीसदी पर रहने और भारत में अर्निंग्स में सुस्त ग्रोथ के कारण एफआईआई के पास फिलहाल यहां निवेश करने के लिए कोई ठोस कारण नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि डॉलर के स्थिर होने के बाद एफआईआई वापस आ सकते हैं,लेकिन निकट अवधि में निवेश पर दबाव बना हुआ है।

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