Stock market : आज 5 अगस्त को आखिरी घंटे में बाजार में रिकवरी देखने को मिली। सेंसेक्स-निफ्टी निचले स्तर से सुधरकर बंद हुए। आज तेल-गैस और फार्मा इंडेक्स में दबाव देखने को मिला। FMCG और IT इंडेक्स में दबाव देखने को मिला। डिफेंस, ऑटो, मेटल और एनर्जी शेयरों में हल्की बढ़त रही। निफ्टी 73 प्वाइंट गिरकर 24,650 पर बंद हुआ। सेंसेक्स 308 प्वाइंट गिरकर 80,710 पर बंद हुआ। निफ्टी बैंक 259 प्वाइंट गिरकर 55,360 पर बंद हुआ। वहीं, मिडकैप 226 प्वाइंट गिरकर 57,207 पर बंद हुआ। आज निफ्टी के 50 में से 25 शेयरों में गिरावट रही। सेंसेक्स के 30 में से 16 शेयरों में तेजी रही। निफ्टी बैंक के 12 में से 7 शेयरों में गिरावट देखने को मिली। डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे कमजोर होकर 87.80 के स्तर पर बंद हुआ।
6 अगस्त को कैसी रह सकती है बाजार की चाल
इनसाइड बार कैंडल पैटर्न से संकेत मिलता है कि बुल्स अहम सपोर्ट स्तरों का बचाव करने में कामयाब रहे हैं। 24,600-24,500 का जोन मई से लगातार एक मज़बूत बेस के रूप में कार्य कर रहा है और कई पुलबैक के बावजूद मज़बूती से टिका हुआ है। जब तक यह सपोर्ट बरकरार रहता है, बुल्स की तरफ वापसी की कोशिश की संभावना है। हालांकि, बाजार दबाव में बना हुआ है और ऊपर की ओर बढ़ने रेजिस्टेंस की उम्मीद है। शॉर्ट टर्म में, 24,850-24,950 का दायरा तत्काल रेजिस्टेंस का काम कर रहा है। ऐसे में, निफ्टी के एक दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है। ऐसे में गिरावट पर खरीदारी और उछाल पर बिक्री की रणनीति काम कर सकती है। सपोर्ट के पास खरीदारी करें और रेजिस्टेंस के आसपास मुनाफावसूली करें।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि निकट भविष्य में, बाजार की दिशा साफ नहीं दिख रही है। अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता के अगले दौर के बाद ही स्थिति स्पष्ट होने की संभावना है। 20 फीसदी या उससे कम टैरिफ वाला व्यापार समझौता एक सकारात्मक संकेत माना जाएगा। हालांकि, अगर 25 प्रतिशत टैरिफ बरकरार रहता है, तो बाजार में और गिरावट आ सकती है, क्योंकि ऐसा कदम भारत की विकास संभावनाओं और कॉर्पोरेट आय पर भारी पड़ सकता है। इससे मौजूदा हाई वैल्यूएशन को सही ठहराना मुश्किल हो जाएगा।
बाजार जानकारों का यह भी कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप का हालिया ट्वीट, जिसमें उन्होंने रूसी तेल आयात पर भारत पर अमेरिकी टैरिफ में भारी बढ़ोतरी की चेतावनी दी है, एक गंभीर जोखिम पैदा कर सकता है। अगर इसे लागू किया जाता है, तो इससे अमेरिका-भारत संबंधों में और तनाव आ सकता है और अमेरिका को भारतीय निर्यात पर पहले से कहीं ज़्यादा असर पड़ सकता है। इस कदम का भारत के वित्त वर्ष 2026 के जीडीपी ग्रोथ और कॉर्पोरेट आय पर भी असर पड़ेगा। जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के वी के विजयकुमार ने कहा, "इसके चलते बाजार निकट की अवधि में अनिश्चितता के दौर में प्रवेश कर ससकता है। टैरिफ में कोई भी बढ़ोतरी बाजार पर खराब असर डाल सकती है। इससे निफ्टी 24,500 के अहम सपोर्ट को तोड़ सकता है।"
प्रभुदास लीलाधर में टेक्निकल रिसर्च वाइस प्रेसीडेंट वैशाली पारेख ने कहा कि निफ्टी में गिरावट आई है। लेकिन यह 24,700 के आसपास बंद हुआ है। साथ ही ब्रॉडर मार्केट में भी रिकवरी के संकेत दिखाई दे रहे हैं। आने वाले सत्रों में और बढ़त देखने को मिल सकती है। हालांकि, रुझान में बदलाव की मज़बूत पुष्टि के लिए, निफ्टी को अपने 50-डे ईएमए 24,906 को निर्णायक रूप से तोड़ना होगा। इस स्तर से आगे बढ़ने पर आगे की बढ़त का रास्ता खुल सकता है।
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